
Chhattisgarh News: कांकेर जिला के दुर्गूकोंदल खंडीघाट नदी में 15 अगस्त को 15 स्वास्थ्यकर्मी पिकनिक मनाने गए थे। नदी में तेज धार के बीच जश्न मनाने के दौरान स्वास्थ्य विभाग के एक क्लर्क की मौत हो गई थी। मामले में पिकनिक की रणनीति बनाने वाले डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग के सीएमओ और जिले के कलेक्टर ने कोई कार्रवाई नहीं की।
पिकनिक और बर्थडे पार्टी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दुर्गूकोंदल बीएमओ के नेतृत्व में 15 स्वास्थ्य कर्मी खंडी घाट पहुंचे थे। बारिश के सीजन में नदी के तेज धार में पहुंचकर केक काटे। यहां तैरने, नहाने के साथ स्वास्थ्यकर्मियों ने खूब मस्ती की। तैर नहीं पाने के कारण क्लर्क प्रतीक चुरेंद्र बह गया। दम घुटने से उसकी मौत हो गई।
घटना को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रहीं हैं। लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग लोगों को अलर्ट करती है कि उफनती नदी-नालों को पार न करें। नदी पार करने जोखिम ना उठाएं। फिर भी खंड चिकित्सा अधिकारी अपने साथ 15 स्वास्थ्य कर्मियों को उफनती खंडी घाट नदी में गए। उनके साथ ये जोखिमभरा निर्णय लेने में और कौन कौन लोग साथ थे, इसकी भी अब तक जांच नहीं की गई है।
अब तक सामान्य लोगों के साथ ऐसी घटना होती तो जिला प्रशासन त्वरित कार्रवाई करती। लेकिन, बारिश में जिला प्रशासन की अलर्ट करने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी के साथ स्वास्थ्य कर्मी पिकनिक मनाने खंडीघाट गए। सतर्कता बरतने की बजाय नदी में केक काटने, नहाने, तैरने की स्वास्थ्य कर्मियों की स्टंटबाजी से क्लर्क बह गया। उसकी मौत हो गई। जोखिम उठाकर बारिश के सीजन में नदी में पिकनिक मनाने जाना जांच का विषय है।
पिकनिक मनाने खंडीघाट जाने किसने रणनीति बनाई? क्या सामाग्री साथ लेकर पार्टी मनाने पहुंचे थे? खाने के अलावा कहीं नशीली सामग्री भी तो नहीं थी? ये सब बातें भी गंभीर जांच का विषय हैं। स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन मौन बैठे हैं। जिन स्वास्थ्यकर्मियों की जान बच गई, वे अपने घरों में सुकुन महसूस कर रहे हैं। लेकिन, एक पत्नी के पति और एक पिता का पुत्र सिर्फ पिकनिक और जश्न मनाने के चक्कर मौत के मुंह में समा जाना दुखद है। जांच का विषय है। घटना की सूक्ष्म जांच करने के बजाय अधिकारी हाथ धरे बैठे हुए हैं।
Published on:
26 Aug 2024 05:22 pm
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