
कांकेर. छत्तीसगढ़ के कांकेर माओवादिओं ने अपनी वसूली के लिए गांव में दशहत शुरू क्र दी है। हरा सोना यानी तेन्दूपत्ता तोड़ाई का कार्य जिले में शुरू हो चुका है। ग्रामीण रोज सुबह से ही जंगल की ओर निकल रहे हैं। जंगल-जंगल परिवार के सदस्यों के साथ तेंदूपत्ता संग्रहण करने में जुटे हैं।
वहीं, तेन्दूपत्ता के देखरेख में लगे फड़मुंशी व ठेकेदारों पर लाल आतंक का खौफ बढ़ता ही जा रहा है। गांव-गांव में माओवादी वसूली के लिए अपनी दहशत प्रारंभ कर दी है। सूत्रों की माने तो माओवादी के लीडर अब ग्रामों में पहुंच कर फड़मुंशी और ठेकेदारों की सूची तैयार कर रहे हैं।
तेंदूपत्ता की तोड़ाई शुरू होते ही जंगलों में माओवादियों की आहट बढ़ गई है। आए दिन बम और फायरिंग करने की घटना सामने आ रही है। माओवादी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में भी दहशत का माहौल है। पुलिस व सशस्त्र बल व फोर्स की सक्रियता का परिणाम रहा कि सप्ताहभर में अधिकांश स्थानों पर लगाए बम बरामद कर लिया है। 23 अप्रैल को भारी मात्रा में बम, एरो बम सहित अन्य सामान जवानों ने जप्त किया था। इधर पखांजूर क्षेत्र, कोयलीबेड़ा, आमाबेड़ा, अंतागढ़ हर तरफ माओवादियों की सक्रियता बढऩे की सूचना मिल रही है।
सूत्रों ने बताया कि हर गांव में एक सप्ताह से तेंदूपत्ता को लेकर माओवादी वूसली के लिए दबाव बना रहे हैं। दूसरे जिले के भी माओवादी जिले में दस्तक दे चुके हैं और अपनी योजना को अंजाम देने के लिए तैयारी कर रहे हैं। यह बता दें कि हर साल तेंदूपत्ता तोड़ाई के समय माओवादियों द्वारा बड़े पैमाने पर वसूली की जाती है।
इसकी भनक प्रशासन तक पहुंच चुकी है। इसी कारण इस मौसम में सक्रियता बढ़ जाती है। बावजूद माओवादियों द्वारा लाखों में वसूली होती है। पुलिस टीम इस संबंध में वन विभाग के साथ तालमेल या बैठक नहीं आयोजित करती है। इसका कारण यह कि वन कर्मियों को हथियार मुहैया नहीं है। पुलिस कर्मियों के साथ बैठक होते ही माओवादियों की नजर उन पर भी लग जाएगी। इससे उनके जान को ज्यादा खतरा हो सकता है।
आमाबेड़ा थाना क्षेत्र, अंतागढ़ क्षेत्र में एक महिला माओवादी अपनी पूरी टीम के साथ रविवार को कई गांवों में पहुंच कर फड़मुंशी और पत्ता खरीदने वाले ठेकेदारों के नाम पता की सूची एकत्र की है। वहीं, परतापुर क्षेत्र के कुछ ग्रामों में माओवादी मुखिया अपने टीम के साथ ग्रामीणों की बैठक लेने की बात कही जा रही है। तेन्दूपत्ता के तोड़ाई के कुछ समय बाद निर्धारित राशि को समय पर पहुंचाने के लिए माओवादी अपनी सक्रियता को बढ़ा रहे हैं।
माओवादी अभियान के तहत केंद्रीय फोर्स, सशस्त्र बल की टीम के साथ पुलिस बल के जवान जंगलों में दबिश दे रही हैं। इसके चलते कुछ माओवादी क्षेत्र में बल का दबाव बढऩे से गतिविधिया कम हुई है। पहले से कम घटनाएं भी जिले के अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में होने लगी है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है। पुलिस बल के साथ अन्य फोर्स अतिसंवेदनशील क्षेत्र में लगातार गश्त कर रही है। बावजूद माओवादी गांव-गांव बैठक कर रहे हैं।
कांकेर के पुलिस अधीक्षक, केएल ध्रुव ने बताया तेंदूपत्ता सीजन में माओवादियों के बैठक की सूचना मिलती रहती है। पुलिस के जवान सभी क्षेत्रों में नजर रखे हैं। माओवादी सूचना मिलते ही तत्काल कार्रवाई होगी।
Published on:
07 May 2018 01:54 pm
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