13 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

किसान संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले कलक्ट्रट का घेराव, ये थी मांगे

ग्रामीणों ने कलक्टोरेट कार्यालय का घेराव किए हुए थे। जहां पहले से ही पुलिस के जवान तैनात थे, जिनके साथ झुमाझटकी भी हुई।

2 min read
Google source verification
protest

किसान संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले कलक्ट्रट का घेराव, ये थी मांगे

कांकेर. छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक संयुक्त मोर्चा व संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा अपनी विभिन्न मांगों को लेकर रैली निकाली। रैली भीरावाही स्थित गोंडवाना भवन से शुरू हुई और मुख्य मार्ग से होते हुए कलक्टोरेट मार्ग पहुंची और राष्ट्रपति, राज्यपाल, राष्ट्रपति व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन एसडीएम भारती चंद्राकर को सौंपा। इस दौरान हजारो की संख्या में अंचल के ग्रामीणों ने कलक्टोरेट कार्यालय का घेराव किए हुए थे। जहां पहले से ही पुलिस के जवान तैनात थे, जिनके साथ झुमाझटकी भी हुई।

इस दौरान ज्ञापन सौंपते हुए मुस्लिम समाज के जाति प्रमाण पत्र बनाने में आ रही दिक्कतों को देखते हुए प्रक्रिया की सरलीकरण किए जाने की मांग, महानदी तट में बसा ग्राम बागोड़ के पास बनी एनीकट के कारण 15 सौ हेक्टेयर जमीन डूबान एवं कटाव के कारण कृषि भूमि बर्बाद हो रहे हैं जिसके कारण एनिकट को तोड़े जाने व किसानो को जमीन का मुआवाजा दिए जाने, बढ़़ती सडक़ दुर्घटनाओं को देखते हुए एनएच का चौडिक़रण किए जाने, जिला मुख्यालय में स्वीकृत ट्रामा सेंटर जल्द से जल्द निर्माण पूरा कर शुभारंभ करने, जिला चिकित्सालय में विशेष डाक्टरो की नियुक्ति किए जाने, कन्या क्रीडा परिसर के खिलाडिय़ों के लिए समुचित मैदान व्यवस्था किए जाने, शहर में निर्माण किए जा रहे पाईप लाई को जल्द से जल्द पूर्ण कर जगह-जगह सडक़ों पर खोदे गए गढ्डो की मरम्मत किए जाने, इंजिनियरिंग कालेज, बीएड कालेज व फिजिकल कालेज खोले जाने, एसटीएससी एक्ट में संशोधन न किए जाने की मांग, पांचवी अनुसूची व पेशा कानून का कड़ाई से पालन किए जाने , संविधान की प्रतियां जलाने वालों को फांसी की सजा दिए जाने, सहित अन्य मांगे शामिल है।

इस अवसर पर संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि जल्द से जल्द उनकी मांगे पूरी नहीं की जाती है तो वे उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। इस अवसर पर महेन्द्र यादव, रतन टांडिया, इन्द्रभान ठाकुर, गिरवर, रेमनाथ जैन, बुधियार सिंह, महेन्द्र यादव सहित हजारो की संख्या में ग्रामीण किसान उपस्थित थे।