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स्कूल छत की प्लास्टर उखड़ी, टिन शेड के नीचे बच्चे कर रहे पढ़ाई

Kanker News: एक ओर सरकार नि:शुल्क शिक्षा, पुस्तक सहित अन्य सुविधा देने की बात कहती है, तो वहीं दूसरी ओर कांकेर जिले के विकासखंड कोयलीबेड़ा के ऐसे कई स्कूल है, जो पूरी तरह जर्जर हो चुकी है।

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Plaster of school roof peeled off, children studying like this Kanker

स्कूल छत की प्लास्टर उखड़ी, टिन शेड के नीचे बच्चे कर रहे पढ़ाई

पखांजूर। Chhattisgarh News: एक ओर सरकार नि:शुल्क शिक्षा, पुस्तक सहित अन्य सुविधा देने की बात कहती है, तो वहीं दूसरी ओर कांकेर जिले के विकासखंड कोयलीबेड़ा के ऐसे कई स्कूल है, जो पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। इसमें एक प्राथमिक शाला भवन ग्राम पीव्ही 24 का है। भवन के अभाव में विद्यार्थी शाला परिसर में लगी टीन शेड के नीचे व खुले में बैठकर पढा़ई कर रहे है। ग्रामीणों के मुताबिक छात्र-छात्राओं को एक वर्ष से नियमित रूप से टीन शेड के नीचे ही पढ़ाया जा रहा है। विकासखंड कोयलीबेड़ा में जर्जर स्कूलों की समस्या दिन व दिन बढ़ती जा रही है।

सर्व शिक्षा अभियान के तहत 20 साल पूर्व स्कूलों का निर्माण कराया गया था,जो अब जर्जर होने लगे हैं। विकासखंड कोयलीबेड़ा के ग्राम पीव्ही 24 स्थित प्राथमिक शाला भवन भी इसमें शामिल है। स्कूल का भवन का इतना जर्जर है कि सीमेंट पूरी तरह से उखड़ रहा है, वर्षा काल में पानी पूरी तरह रिझता है। पिछले एक साल से अब तक स्कूल के बच्चों को टीन के शेड के नीचे ही पढ़ाया जा रहा है। वर्तमान में इस स्कूल में 34 विधार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। वर्षा के दौरान टिन शेड व झिल्ली लगाकर कक्षाओं का संचालन होता है। अन्य समय झिल्ली हटाकर पेड़ के नीचे कक्षा लगाई जाती है।

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इस शाला के प्रधान पाठन निताई चंद राय ने बताया की वे कई बार अधिकारियों को इस जर्जर भवन के संबंध में जानकारी दिया है। इसके बाद भी नया भवन स्वीकृत नहीं हुआ और न ही अतरिक्त कक्ष की स्वीकृति मिली, जिस कारण बच्चों को दिन में शेड में बैठकर तो कुछ विधार्थियों को पेड़ की छांव पढ़ाई करनी पड़ रही है।

भवन को कर दिया गया है डिस्मेंटल

शाला भवन पूरी तहर जर्जर हो चुका है। विभाग के उपयंत्री द्वारा निरीक्षण कर इस भवन को डिस्मेंटल करने का आदेश दिया गया है। जिसके बाद से शाला भवन में कक्षाएं नहीं लगाई जा रही है। एक साल से अधिक समय से स्कूल के बाहर टिन शेड में ही कक्षाए लगाई जा रही है। बारिश के दिनों में बच्चों के पढ़ाई के लिए टीन शेड को झिल्ली से बंद कर कमरा तैयार किया जाता है।

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