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शिक्षाकर्मी बोले- छत्तीसगढ़ सरकार अपने वादा से मुकर रही, मांगों को लेकर होगा आंदोलन

शिक्षाकर्मियों (Shikshakarmi) ने कहा कि उन्हें चार माह से वेतन नहीं मिला है। कांग्रेस सरकार (Congress Government) ने विधानसभा चुनाव के दौरान दो साल की सेवा अवधि पूरी करने वाले शिक्षाकर्मियों के संविलियन की घोषणा की थी।  

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Shikshakarmi

शिक्षाकर्मी बोले- छत्तीसगढ़ सरकार अपने वादा से मुकर रही, मांगों को लेकर होगा आंदोलन

कांकेर. छत्तीसगढ़ में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर शिक्षाकर्मी संघ ने प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री (Bhupesh Baghel) के नाम लिखित ज्ञापन सौंपा। इस दौरान शिक्षाकर्मियों (Shikshkarmi) ने कहा कि उन्हें चार माह से वेतन नहीं मिला है। कांग्रेस सरकार ने विधानसभा चुनाव के दौरान दो साल की सेवा अवधि पूरी करने वाले शिक्षाकर्मियों के संविलियन की घोषणा की थी। सरकार बनने के बाद अब 8 साल की समय सीमा बताया जा रहा है।

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प्रदेश सरकार शिक्षाकर्मियों के साथ धोखा कर रही है, चुनाव में किए वादा से मुकर रही है। जबकि शिक्षाकर्मियों ने विश्वास में आकर कांग्रेस को प्रदेश में समर्थन दिया था, चुनाव बाद कांग्रेस अपने वादा को पूरा नहीं कर रही है। शिक्षाकर्मियों ने बताया कि जिले में करीब 4500 साथी विभिन्न स्कूलों में सेवा दे रहे हैं। शिक्षाकर्मी वर्षों से लगातार अपनी सेवाएं दे रहे हैं। बावजूद शासन की तरफ से उन्हें सुविधाएं नहीं दी जा रही है। शिक्षाकर्मियों के साथ प्रदेश सरकार छल कर रही है। हमारी मांगों को सरकार पूरा नहीं कर रही है। अगर मांगों पर विचार नहीं किया गया तो वे आंदोलन के लिए विवश होंगे। शिक्षाकर्मियों का प्रथम चरण का आंदोलन जिला स्तर पर होगा और दूसरे चरण में प्रदेश की राजधानी किया जाएगा।

शिक्षाकर्मियों ने कहा हमें चार माह से वेतन नहीं दिया गया है। वेतन का भुगतान जल्द किया जाए। मंहगाई भत्ता भी एक जुलाई 2018 से एक जनवरी 2019 तक लम्बित पड़ा है। 35 प्रतिशत महंगाई भत्ता का आदेश जारी किया जाए, लम्बित एरियर्स राशि शीघ्र दिया जाए, स्वयं के व्यय पर प्रशिक्षण एवं पीएचडी उपाधि के लिए अतिरिक्त वार्षिक वेतन वृद्धि का आदेश जारी किया जाए। पंचायत शिक्षा संवर्ग शिक्षकों का स्थानांतरण नीति जारी किया जाए। पंचायत निकाय में संविलियन पूर्व के लम्बित सीपीएस कटौती किया जाए। दिवंगत एलबी व पंचायत संवर्ग के आश्रित को ग्रेज्युटी और समूह बीमा का लाख दिया जाए।

कांग्रेस ने अपने जन घोषणा पत्र में 2 वर्ष की अवधि पूर्ण कर चुके शिक्षाकर्मियों का संविलयन (Shikshakarmi Samviliyan)करने का वादा किया था पूरा किया जाए। 1998 से नियुक्त शिक्षा कर्मियों की पदोन्नति नहीं हो पाई है, उन्हें क्रमोन्नति दिया जाए।

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प्राचार्य, प्रधानपाठक के साथ ही सभी स्तर के पदों पर शिक्षक एलबी सवंर्ग से समयबद्ध पदोन्नति का आदेश जारी किया जाए। पुरानी पेंशन बहाली के लिए नियम बनाया जाए। इस दौरान शिक्षाकर्मी संघ जिलाध्यक्ष स्वदेश शुक्ला, संतोष जायसवाल जिला उपाध्यक्ष, वाजिद खान प्रांतीय महासचिव, हेमेंद्र साहसी प्रांतीय संगठन मंत्री, ओमप्रकाश सेन जिला प्रवक्ता, ललित नरेटी जिला पदाधिकारी, पंकज बाजपेयी जिला संगठन मंत्री, मनीष तिवारी अध्यक्ष चारामा, धर्मराज कोरेटी अध्यक्ष भानुप्रतापपुर, भोलाप्रसाद ठाकुर अध्यक्ष कोयलीबेड़ा, गौरव ध्रुव अध्यक्ष दुर्गूकोंदल, भुषण जैन अध्यक्ष कांकेर, मिथलेश शर्मा, अनु उपाध्याय, सुनिता देव, कलिंद्री जोशी, राकेश, बोधन आदि थे।

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