Kanker News: प्रदेश में विगत 5 दिनों जारी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। वहीं कांकेर जिले के कुछ गांवों में आफत बन गई है। जिला मुख्यालय से महज 45 किलोमीटर दूर बांसकुंड, ऊपर तोनका, नीचे तोनका और चलाचूर गांव के 500 से ज्यादा ग्रामीण चिनार नदी पर पुल नहीं बनने के कारा बारिश के तीन माह टापू बन चुके गांवाें में फंसे रहते हैं।
गांव वाले चिनार नदी में बने स्टॉप डेम से ही जान जोखिम में डालकर आना जाना करते है। खेत-खलिहान, स्कूल या राशन सहित जरूरी काम के लिए ग्रामीण स्टॉप डेम के 16 पिलरों को कूद-कूद कर पार करते हैं। वहीं बच्चों को स्कूल जाने के लिए भी इसी रास्ते का सहारा लेना पड़ता है। नदी जब उफान पर होती है तो हालात और भी खतरनाक हो जाते हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि बरसात के दिनों में न तो शिक्षक स्कूल आ पाते हैं और न ही मरीजों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जा सकता है। आपात स्थिति में ग्रामीणों को गांव में ही इलाज करना पड़ता है। ग्रामीण सालों से पुल की मांग कर रहे हैं लेकिन अभी तक सिर्फ एक कच्ची सड़क ही बन पाई है वह आधी-अधूरी है। शासन-प्रशासन ग्रामीणों के धैर्य की परीक्षा ले रही है। ग्रामीणों ने सरकार से अपील है कि जल्द से जल्द चिनार नदी पर पुल का निर्माण किया जाए ताकि आवागमन के लिए रास्ता आसान हो सके।