17 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

CG Dhan Kharidi: धान खरीदी में अव्यवस्था से भड़के किसान, SDM कार्यालय तक निकाली रैली…

CG Dhan Kharidi: कांकेर जिले के पखांजूर क्षेत्र में धान खरीदी केंद्रों में व्याप्त अव्यवस्थाओं और कथित मनमानी के खिलाफ किसानों का आक्रोश बुधवार को सड़कों पर नजर आया।

2 min read
Google source verification
CG Dhan Kharidi: धान खरीदी में अव्यवस्था से भड़के किसान, SDM कार्यालय तक निकाली रैली...(photo-patrika)

CG Dhan Kharidi: धान खरीदी में अव्यवस्था से भड़के किसान, SDM कार्यालय तक निकाली रैली...(photo-patrika)

CG Dhan Kharidi: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के पखांजूर क्षेत्र में धान खरीदी केंद्रों में व्याप्त अव्यवस्थाओं और कथित मनमानी के खिलाफ किसानों का आक्रोश बुधवार को सड़कों पर नजर आया। धान खरीदी केंद्र प्रभारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए किसानों ने गोंडवाना भवन से एसडीएम कार्यालय तक रैली निकाली और तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर जल्द समाधान नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।

CG Dhan Kharidi: तौल और टोकन व्यवस्था में गड़बड़ी का आरोप

किसानों का आरोप है कि पखांजूर क्षेत्र के धान खरीदी केंद्रों में तौल और खरीदी के नाम पर खुली लूट की जा रही है। धान तौल के लिए हमाली के रूप में किसानों से 10 से 15 रुपये प्रति क्विंटल वसूले जा रहे हैं। इसके अलावा ‘सूखती’ के नाम पर प्रति क्विंटल दो किलो से अधिक धान काटा जा रहा है, जो नियमों के विपरीत है।

किसान सुखरंजन उसेंडी ने बताया कि परलकोट क्षेत्र के किसान लंबे समय से धान खरीदी व्यवस्था से परेशान हैं। न तो समय पर टोकन कट रहा है और न ही पर्ची मिल पा रही है। तौल के दौरान किसी किसान से डेढ़ किलो तो किसी से दो से ढाई किलो तक सूखती ली जा रही है। जब किसान इसका विरोध करते हैं तो जानबूझकर उनका काम रोका जाता है।

वन अधिकार पट्टा धारक किसानों की बढ़ी परेशानी

किसानों ने बताया कि कई आदिवासी किसानों के वन अधिकार पट्टों का अब तक पंजीयन नहीं हो पाया है। उनके नाम सॉफ्टवेयर में दर्ज नहीं होने से धान खरीदी पर संशय बना हुआ है। ऐसे किसान अधिकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। पहले से कर्ज में डूबे किसानों के सामने गंभीर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।

1 नवंबर से सुचारू खरीदी का वादा, 15 दिसंबर तक हालात जस के तस

किसानों का कहना है कि शासन ने 1 नवंबर से धान खरीदी सुचारू रूप से करने का आश्वासन दिया था, लेकिन 15 दिसंबर बीत जाने के बाद भी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। इसी कारण किसानों को मजबूरन रैली और प्रदर्शन का रास्ता अपनाना पड़ा।

समाधान नहीं हुआ तो होगा बड़ा आंदोलन

किसान बुधु राम ने बताया कि कोयलीबेड़ा ब्लॉक के लगभग सभी किसान एक जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। समय पर पर्ची नहीं मिलने से बार-बार खरीदी केंद्रों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ, तो छोटे-बड़े सभी किसान, खासकर आदिवासी वन अधिकार पट्टा धारक किसान, बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।