10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सुगंधनगरी में ईद-उल-फितर के मौके पर गंगा जमुनी तहजीब की बिखरी छटा

इसी चांद से शाव्वल माह की शुरुआत मानी जाती है। जिसके चलते आज पूरे देश में ईद मनाई जा रही है ।

2 min read
Google source verification
Eid

Eid

कन्नौज. गुरुवार की शाम जब भारत में चांद नहीं दिखा था तो दिल्ली की फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम और जामा मस्जिद के शाही इमाम ने शनिवार को ईद मनाने का ऐलान किया था। आपको बता दें कि पवित्र महीने रमजान के बाद अगला महीना शाव्वल होता है। शुक्रवार को देश में चांद दिखा। इसी चांद से शाव्वल माह की शुरुआत मानी जाती है। जिसके चलते आज पूरे देश में ईद मनाई जा रही है ।

मिटे गिले शिकबे-

सुगंध नगरी मे ईद उल फितर के मौके पर गंगा जमुनी तहजीब की वो सुगंध बिखरी जिसमें सभी गिले शिकवे मिट गए। जहां रोजेदारों ने ईदगाह में नमाज पढ़कर देश में अमन शांति की दुआएं मांगी तो हिन्दू भाइयों ने उन्हें गले लगाकर ईद की मुबारक बाद दी। इस मौके पर जिला प्रशासन की तरफ से जिलाधिकारी रबिन्द्र कुमार और पुलिस अधीक्षक ने मुस्लिम भाइयों के गले लगकर उन्हें ईद की मुबारक बाद दी और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सचेत दिखे।

दिखी गंगा जमुनी तहजीब की छटा-

इत्र नगरी में ईद उल फितर के मौके पर जिले की आज बड़ी ईदगाह में हजारो की संख्या में नमाजियों में नमाज अता की। गंगा जमुनी तहजीब की छटा बिखेरते हुए हिन्दू मुस्लिम भाईयों ने एक दूसरे से गले लगकर ईद की मुबारक बाद दी। इस मौके पर जिला प्रसासन ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये । नमाज के दौरान बड़ी ईद गाह में पुलिस अधीक्षक किरीट राठौर जिलाधिकारी रवींद्र कुमार सहित कई अधिकारियों मौजूद रहे और नमाजियों के गले मिलकर ईद की बधाईया दी।

अमन चैन की मांगी गई दुआ-

नमाजियों ने नमाज के दौरान अपील करते हुए कहा कि देश में कुछ मौका परस्त लोग यहाँ की गंगा जमुनी तहजीब में जहर घोलने का काम कर रहे है, लेकिन वो अंपने मंसूबे में कामयाब नही रहेंगे। उंन्होने बताया की ईद के पवित्र मौके पर देश में हिन्दू मुस्लिम एकता और देश में अमन चैन कायम रखने के लिए अल्लाह से दुआ मांगी गई ।

बच्चो में दिखा उत्साह-
जहां एक ओर ईदगाह में नमाज अता कर देश में अमन चैन की दुआएं मांगी गई तो वही ईदगाह में अपने वालिदों के साथ आये बच्चों ने भी नमाज अता कर एक दूसरे से गले लगकर ईद की मुबारक बाद दी। छोटे छोटे बच्चे रंग बिरंगे कपडे पहनकर ईदगाह में लगे मेले में चहकते नजर आये। उन्होंने बताया कि हमने भी अपने वालिदों के साथ यहां ईद की नमाज अता कर देश में अमन शांति की अल्लाह से दुआ मांगी, और अल्लाह से कहा कि हमारे देश में एक भाई चारा बना रहे जिससे हम सभी मिलजुलकर रहे और हर त्यौहार मिलजुलकर ही मनाये।

तो इस वजह से मनाई जाती है ईद-

इस्लामिक कैलेंडर या हिजरी में रमजान के महीने को साल का नौवां महीना माना गया है जो बहुत ही पाक (पवित्र) महीना होता है। इस पूरे महीने दीनवाले लोग रोजा रखते हैं और रमजान के आखिरी दिन यानी आखिरी रोजा चांद को देखकर खत्म किया जाता है। ईद मुबारक चांद शाम को दिखने पर अगले दिन ईद का त्यौहार मनाने की परंपरा है। ईद को लोग ईद-उल-फितर नाम से भी जानते हैं। लेकिन यह परंपरा कैसे शुरू हुई इसके पीछे भी एक रोचक कहानी है- कहा जाता है कि हमारे पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब ने बद्र के युद्ध में शानदार विजय हासिल की थी। इसी युद्ध को जीतने की खुशी में लोगों ने ईद का त्योहार मनाना शुरू कर दिया था। 624 ईस्वी में पहली बार ईद उल फित्र मनाया गया था।