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35 करोड़ की संपत्ति का मालिक सिपाही फंसा आईटी जांच के घेरे में

पुलिस के एक सिपाही के पास 35 करोड़ रुपए की अकूत संपत्‍ति की शिकायत प्रमाणों सहित आयकर विभाग को मिली है. इसकी जांच आयकर विभाग की बेनामी विंग को सौंपी गई है. करोड़ों की संपत्‍ति के मालिक इस सिपाही के खिलाफ पहले भी विभागीय जांच हो चुकी है.

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Kanpur

35 करोड़ की संपत्ति का मालिक सिपाही फंसा आईटी जांच के घेरे में

कानपुर। पुलिस के एक सिपाही के पास 35 करोड़ रुपए की अकूत संपत्‍ति की शिकायत प्रमाणों सहित आयकर विभाग को मिली है. इसकी जांच आयकर विभाग की बेनामी विंग को सौंपी गई है. करोड़ों की संपत्‍ति के मालिक इस सिपाही के खिलाफ पहले भी विभागीय जांच हो चुकी है. चकेरी थाने के क्षेत्राधिकार में रहने वाला ये सिपाही वर्तमान में एसटीएफ लखनऊ में तैनात है. प्रमाण पत्रों के साथ दिए गए पत्र में कहा गया है कि सिपाही ने एसपीएफ में तैनाती के दौरान सबसे ज्‍यादा अवैध कमाई अर्जित की है. भ्रष्‍टाचार के खिलाफ़ चलाई गई मुहिम के रडार में आए एसटीएफ के इस सिपाही के खिलाफ़ पांच साल पहले भी एसएसपी ने जांच के निर्देश दिए थे. उस दौरान एसएसपी ने सीओ छावनी को जांच अधिकारी नामित किया था.

पड़ताल में पता चला ऐसा
पड़ताल में पता चला था कि सिपाही ने अपने परिजनों जैसे पत्‍नी, भाभी, मां के नाम अकूत संपत्‍ति खरीदी है. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि सिपाही के परिवार में उसकी नौकरी के अलावा आय का दूसरा कोई स्‍त्रोत नहीं. आयकर विभाग के पास बेनामों की पूरी फाइल है, जिसमें दर्जनों संपत्‍तियों का ब्‍यौरा है. इनमेंसे 12 से ज्‍यादा पॉपर्टी कानपुर के विभिन्‍न इलाकों की है. इन सब संपत्‍तियों का कुल क्षेत्रफल 1200 वर्गमीटर से भी ज्‍यादा है. उसके अलावा लखनऊ, उन्‍नाव, नोएडा और दिल्‍ली में संपत्‍ति की सूचना आयकर विभाग को मिली है. प्रधान आयकर निदेशालय जांच ने जांच के आदेश बेनामी विंग को सौंपे हैं. बेनामी विंग के मुखिया डिप्‍टी कमिश्‍नर अरविंद त्रिवेदी हैं.

नौकरों और धोबी के नाम पर संपत्‍ति
इतना ही नहीं, सिपाही ने करोड़ों की संपत्‍ति को अपने दो नौकरों और धोबी के नाम पर भी खरीदा है. सीओ ने अवैध रूप से लगभग 35 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्‍ति जुटाने में उसे प्रथम दृष्‍टया दोषी पाया था. इस संपत्‍ति को खरीदने के लिए दी गई मोटी रकम सिपाही ने अपने खाते और पत्‍नी के खाते से दी.