
सारस के दोस्त से दोस्ती को लेकर चर्चा में आए मो. आरिफ पर वन विभाग ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। साथ ही आरिफ को बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस भेजा है। इस मुकदमे में आरिफ की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। मो. आरिफ पर दोष साबित होने पर उन पर जुर्माने लग सकता है। मामले में एसडीओ जांच के बाद अपनी रिपोर्ट डीएफओ को सौंपेंगे। इसके बाद डीएफओ ही निर्णय लेंगे।
मार्च 2022 में घायल मिला था सारस
दरअसल, अमेठी के मंडखा में मार्च 2022 में आरिफ के खेत में एक सारस पक्षी घायल मिला था। आरिफ के मुताबिक, उसके पैर में चोट लगी थी। आरिफ ने उसकी मरहम पट्टी की। इसके बाद सारस उनके साथ रहने लगा। आरिफ का जहां भी जाना होता, सारस साथ जाता। फरवरी में आरिफ व सारस की अनोखी दोस्ती की खबर सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंची और देखते ही देखते ये खबर वायरल हो गई।
मामला तब और सुर्खियों में आया, जब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अमेठी दौरे के दौरान आरिफ और सारस की दोस्ती देखने के लिए मंडखा पहुंचे। सपा अध्यक्ष ने वहां की अपनी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए भाजपा सरकार पर तंज कसा।
अखिलेश ने सरकार पर कसा था तंज
उन्होंने ट्वीट किया कि सपा सरकार ने उप्र के राज्य पक्षी सारस के संरक्षण के लिए सारस प्रोटेक्शन सोसाइटी, सारस मित्र स्कीम, इंटरनेशनल सारस कंजर्वेशन वर्कशाप व इंटरनेशनल क्रेन फाउंडेशन के साथ करार जैसे उपाय किए थे। आज भी हम सारस संरक्षण में सहयोग करने वालों के साथ खड़े हैं, लेकिन भाजपा सरकार नदारद है।
इसके बाद सारस और आरिफ की दोस्ती में ट्विस्ट आ गया। मामले में गौरीगंज प्रभाग के प्रभागीय वन अधिकारी रणबीर मिश्र ने 9 मार्च को मो. आरिफ के विरुद्ध वन संरक्षण अधिनियम की विभिन्न धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर लिया। इसी बीच सारस को आरिफ के पास से ले जाकर पहले समसपुर पक्षी विहार रायबरेली और फिर कानपुर चिड़ियाघर पहुंचा दिया गया।
24 मार्च को सामने आया था नोटिस
24 मार्च को प्रभागीय वन अधिकारी की ओर से आरिफ को पूछताछ के लिए बुलाए जाने का नोटिस सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। जारी किए गए नोटिस में आरिफ पर दर्ज किए गए मुकदमे की धाराओं के संबंध में पड़ताल पर पता चला कि वन्य संरक्षण अधिनियम में जीव जंतुओं को छह अनुसूची के अंतर्गत रखा गया है। सारस पक्षी अनुसूची चार के अंतर्गत आता है। यह एक संरक्षित पक्षी है। ऐसे में इसे पालना और किसी प्रकार की क्षति पहुंचाना अपराध की श्रेणी में आता है। उन्होंने बताया कि प्रभागीय वन अधिकारी द्वारा बिंदुओं की जांच की जा रही है।
सूचना क्यों नहीं दी?
वन विभाग इस बात की जांच में लगा है कि आरिफ ने सारस के मिलने की सूचना वन विभाग को क्यों नहीं दी? इसके साथ ही सारस की प्रकृति परिवर्तन के लिए कोई प्रयास किए गए अथवा उससे कोई अनुचित लाभ अर्जित किया गया? इसकी भी जांच की जा रही। बताया जा रहा है कि मामले में अपराध व परिस्थिति के मुताबिक जुर्माना लगाया जाता है।
Updated on:
28 Mar 2023 08:58 am
Published on:
28 Mar 2023 08:51 am
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