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हारने वालों में से नहीं हैं अखिलेश यादव, चाचा रामगोपाल को दे दी ये बड़ी जिम्मेदारी

75 जिलध्यक्षों के पास पत्र भेजकर जल्द से जल्द बूथ एजेंट के साथ ही पोलिंग स्टेशन पद कार्याकर्ताओं की नियुक्ति करने को कहा गया है।

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akhilesh yadav

कानपुर. विधानसभा के बाद निकाय चुनाव में करारी हार के बाद समाजवादी पार्टी के अंदरखाने जबरदस्त घमासान मचा हुआ है। पार्टी सरंक्षक पूर्व मुलायम सिंह खासे नाराज बताए जा रहे हैं। वहीं पूर्व मंत्री शिवपाल यादव दल की दुर्दशा का ठीकरा अखिलेश यादव के करीबियों पर फोड़ रहे हैं। लेकिन दो चुनावों में शिकस्त के बाद भी सपा के चाणक्य कहे जाने वाले राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव निराश नहीं हैं। उन्होंने 75 जिलाध्यक्षों को पत्र भेजकर संगठन में बदलाव के साथ ही भाजपा की तरह बूथ लेबल पर एजेंट नियुक्त करने के आदेश दिए हैं। सपा पिछड़ा आयोग के प्रदेश सचिव जयराम सिंह यादव ने बताया कि यूपी के सभी 75 जिलध्यक्षों के पास पार्टी के महासचिव ने पत्र भेजकर जल्द से जल्द बूथ एजेंट के साथ ही पोलिंग स्टेशन पद कार्याकर्ताओं की नियुक्ति करने को कहा गया है।


20 दिसंबर तक मांगी गई सूची
पहले विधानसभा फिर निकाय चुनाव में मुंह की खाने के बाद समाजवादी पार्टी अब नए सिरे से गठित हो रही है। नई सपा के गठन का जिम्मा पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने लिया है। तय किया गया है कि पार्टी बूथ स्तर पर स्थायी एजेंट बनाएगी। इसी तरह पोलिंग स्टेशन अध्यक्ष का नया पद बनाया गया। फजल महमूद ने बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव का पत्र आया है जिसमें स्थाई एजेंट के साथ ही पोलिंग स्टेशन अध्यक्ष पर जुझारू कार्यकर्ताओं का नियुक्त कर उनकी सूची 20 दिसंबर तक लखनऊ प्रदेश कार्यालय भिजवाए जाने की बात कही गई है। नगर अध्यक्ष के मुताबिक सपा कार्यलय में लगातार बैठकों का दौर चल रहा है और कुछ दिन के अंदर पूरी सूची तैयार कर 20 दिसंबर के पहले-पहले लखनऊ भेज दी जाएगी।


भाजपा की तरह नियुक्त होंगे एजेंट
अखिलेश यादव के नेतृत्व में गठित नई समाजवादी पार्टी के बाद दो चुनाव हुए, दोनों में ही पार्टी को शिकस्त मिली। पिछले कई दिनों से इसे लेकर समीक्षा चल रही थी। कहा जा रहा है कि पार्टी को दोनों चुनावों में मिली शिकस्त की वजह संगठन का वार्ड स्तर तक गठन सही तरीके से नहीं होना है। इसी के चलते राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी को मजबूत करने के लिए जुट गए हैं। उन्होंने वार्ड से लेकर गांव तक हर एक बूथ पर एक-एक एजेंट के साथ ही पोलिंग स्टेशन पर अध्यक्ष नियुक्त करने के लिए पार्टी संगठन में बैठे पदाधिकारियों से कहा है। पार्टी का मानना है कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव के वक्त कानपुर-बुंदेलखंड में करीब 18 हजार बूथ एजेंट और इतने ही अध्यक्ष नियुक्त किए थे, जो मतदाताओं को घर से बूथों तक लेकर गए।


विधानसभा स्तर तक थे पदाधिकारी
समाजवादी पार्टी में इसके पहले सिर्फ विधानसभा स्तर पर ही पदाधिकारी थे और वो जो इनपुट देते थे पार्टी उसी को मानकर चुनाव में रणनीति बनाती थी। लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी अब बूथ लेबल पर अपने पदाधिकारी की नियुक्ति करने जा रही है। सपा के यह एजेंट सीधे राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव और प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम के साथ मोबाइल और इंटरनेट के जरिये जुड़ेंगे। टिकट की दावेदारी के वक्त पार्टी एजेंट व पोलिंग अध्यक्ष से फीडबैक लेगी और इनके बताए गए नाम पर मुहर लगाएगी। शहर इकाई के अध्यक्ष फजल महमूद ने बताया कि राष्ट्रीय महामंत्री का पत्र आ गया है। संगठन में नए फेरबदल को लेकर काम शुरू कर दिया गया है। 10 को इस संबंध में पार्टी की बैठक बुलाई थी। जिसमें विधानसभा स्तर के पदाधिकारियों से सूची मांगी जाएगी। जिससे समय से नाम भेजे जा सकें।


जल्द ही कईयों पर गिरेगी गाज
निकाय चुनाव में भीतरघात करने वालों के नाम राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के पास पहुंच गए हैं और नए साल की शुरूआत में कानपुर जोन के कई जिलों में संगठन में नए चेहरे विराजमान होंगे। कानपुर में निकाय चुनाव के दौरन टिकट वितरण को लेकर सपा के अंदर जमकर रार हुई और पार्टी दो धड़ों में बट गई। जिसके चलते पार्टी की जबरदस्त हार हुई। सपा जहां 110 वार्डों में महज 14 वार्डों में जीत पाई, वहीं घाटमपुर, बिल्हौर नगर पालिका में पार्टी चुनाव बुरी तरह से हार गई। साथ शिवराजपुर और बिठूर नगर पंचायत में भी सपा का सफाया हो गया। जबकि कानपुर नगर को छोड़ दिया जाए तो बसपा ने गांवों में बढ़ियां प्रदर्शन किया है। इसी के चलते सपा हाईकमान कई नेताओं के पर कतरने के साथ बहुतों को पार्टी से बाहर निकालने का फरामन सुना सकती है। सूत्रों की माने तो सिकंदरा विधानसभा उपचुनाव के बाद भीरतघात करने वालों पर अखिलेश चाबुक चलाना शुरू कर देंगे।