
आरिफ को सारस घायल मिला था, उसने इलाज किया तो दोनों में दोस्ती हो गई।
Arif Saras Dosti: अमेठी जिले के मांडवा गांव के रहने वाले आरिफ और सारस की दोस्ती इस साल के शुरू में सोशल मीडिया का सबसे चर्चित विषय बनी रही। करीब एक साल आरिफ के पास रहे सारस को मार्च में वन विभाग की टीम ले आई थी। इसके बाद उसको कानपुर चिड़ियाघर भेज दिया गया। करीब दो महीने आरिफ का दोस्त सारस कानपुर जू में है। अब इस सारस पर एक नया खुलासा जू के कर्मचारियों ने किया है।
इंसानों जैसा हो गया सारस का बर्ताव
इंडियन एक्सप्रेस ने आरिफ के सारस के बारे में कानपुर चिड़ियाघर के निदेशक कृष्ण कुमार सिंह से बात की है। कृष्ण कुमार ने बताया है कि आरिफ के साथ रहते हुए सारस इंसानी तौर-तरीके सीख गया था। उसे मैगी और दाल चावल खाने का शौक हो गया था। साथ ही वह खुद चोंच से उठाने के बजाय हाथ से खाने लगा था। वह बहुत आरामतलब हो गया था और इंसानों से ज्यादा लगाव दिखाने लगा था।
जू में जब कर्मचारियों ने उसकी इन आदतों को परखा तो उसको फिर से पक्षी की तरह बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। मांसाहार छोड़ चुके सारस को अब सुपरवर्म कीड़े भी अनाज और दाल के साथ दिए जा रहे हैं। हालांकि वह अभी भी चिड़ियाघर के एक कोने मेंअकेले ही रहता है। सीसीटीवी कैमरे की मदद से उसे देखा जाता है।
Updated on:
18 May 2023 03:32 pm
Published on:
18 May 2023 03:20 pm
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