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बैंक हुआ दिवालिया, रिजर्व बैंक ने लगाया ताला, खाताधारकों में हडक़ंप

रिजर्व बैंक ने लाइसेंस भी रद्द कर दिया है, तालाबंदी के बाद हडक़ंप, अब नहीं मिलेगा पैसा

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बैंक हुआ दिवालिया, रिजर्व बैंक ने लगाया ताला, खाताधारकों में हडक़ंप

कानपुर. बंद आंखों से कर्ज बांटने और घपले-घोटालों के कारण एक और बड़ा बैंक हमेशा के लिए बंद हो गया। रिजर्व बैंक की सख्त कार्रवाई के बाद तमाम खाताधारकों की रकम डूब गई है। अब तमाम मशक्कत और लंबे इंतजार के बाद खाताधारकों को अधिकतम सिर्फ एक-एक लाख रुपए ही मिलेेंगे। रिजर्व बैंक की इस कार्रवाई से हडक़ंप की स्थिति है। एक अनुमान के मुताबिक खाताधारकों के करोड़ों रुपए डूबे हैं। रिजर्व बैंक ने यूसीसी बैंक के बाद अब ब्रह्मावर्त कामर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस भी रद्द कर दिया है।


तीन साल से प्रतिबंध था, अब हमेशा के लिए तालाबंदी

कानपुर के सबसे बड़े निजी बैंक यानी ब्रह्मावर्त कामर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड की अनियमितताओं और करोड़ों रुपये के घपले की वजह से तीन साल पहले आरबीआई ने बैंक पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए थे। बावजूद सुधार नहीं होने पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सख्त कदम उठाते हुए ब्रह्मावर्त कामर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड को बैंकिंग कारोबार के लाइसेंस को रद कर दिया। रिजर्व बैंक ने साथ ही सहकारी सोसाइटी के पंजीयक (आरसीएस) से बैंक कारोबार को समाप्त करने और बैंक के लिए लिक्विेडेटर नियुक्त करने के लिए कहा है। रिजर्व बैंक का कहना है कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी संरचना और आय की संभावना नहीं है। इसके साथ ही बैंक ने बैंकिंग एक्ट के प्रावधानों को ताख पर रखकर काम किया। रिजर्व बैंक के सहायक परामर्शदाता अजित प्रसाद ने बताया कि ब्रह्मावर्त बैंक अपने वर्तमान जमाकर्ताओं को भुगतान करने की स्थिति में नहीं है। बैंक की गतिविधियां जमाकर्ताओं के हितों के विपरीत हैं। उन्होंने कहा कि बैंक को पर्याप्त समय और अवसर देने के बावजूद प्रबंधन ने वित्तीय स्थिति में सुधार लाने के लिए प्रयास नहीं किए, इसलिए लाइसेंस रद्द करना मजबूरी थी।


35 हजार खाताधारकों के 46 करोड़ रुपये डूबे

ब्रह्मावर्त कामर्शियल को-आपरेटिव बैंक का प्रबंधन खाताधारकों की गाढ़ी कमाई ले डूबा। वित्तीय अनियमितताओं की वजह से बैंक तीन साल से रिजर्व बैंक की निगरानी में था, लेकिन सुधार के लिए कोई प्रयास नहीं किए। आखिरकार आरबीआई ने बैंक का लाइसेंस निरस्त किया और इसी के साथ 34 हजार खाताधारकों के 46 करोड़ रुपए डूब गए। खाताधारकों को अधिकतम एक लाख रुपए की वापसी होगी, चाहे उनके खाते में इससे ज्यादा ही रकम क्यों न हो। बैंक की शहर में नौ शाखाएं हैं और लगभग 30 साल पुराना है। गौरतलब है कि सात जुलाई 2015 को पहली बार रिजर्व बैंक ने ब्रह्मावर्त कामर्शियल को-आपरेटिव बैंक के कामकाज पर छह माह की रोक लगाई थी। तब आरबीआई ने कहा था कि बैंक की खामियों व मौजूदा स्थितियों के आंकलन के बाद कामकाज पर पाबंदी लगाना जरूरी हो गया है। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ब्रह्मावर्त कामर्शियल को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड के सीईओ आशुतोष झा ने दावा किया था कि बैंक पर पाबंदी अनुचित है, रिजर्व बैंक का फैसला समझ से परे है।