scriptडेंगू की वजह से कोरोना संक्रमितों की बची जान, मरीजों की केस स्टडी में आए चौकाने वाले तथ्य | Corona patients lives saved due to dengue | Patrika News

डेंगू की वजह से कोरोना संक्रमितों की बची जान, मरीजों की केस स्टडी में आए चौकाने वाले तथ्य

locationकानपुरPublished: Nov 27, 2020 05:01:44 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

डेंगू (Dengue) होने के कारण कोरोना (Coronavirus) संक्रमित व्यक्ति ठीक हो गया। सुनने में अजीब लगे, लेकिन यह सत्य है।

denguecorona.jpg

Dengue Outbreak: कोरोना वायरस संक्रमण के बीच राजधानी पर डेंगू का खतरा, 7 दिनों में 40 मरीज मिले

पत्रिका न्यूज नेटवर्क.
कानपुर. डेंगू (Dengue) होने के कारण कोरोना (Coronavirus) संक्रमित व्यक्ति ठीक हो गया। सुनने में अजीब लगे, लेकिन यह सत्य है। एक अध्ययन में हैरान करने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिनमें कई ऐसे मरीज मिले जिन्हें डेंगू भी था व कोरोना भी। डेंगू के इलाज के दौरान ही उनके अंदर मौजूद कोरोनावायरस भी खत्म हो गया। दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में ऐसा पहला मरीज आया। इसके बाद दूसरा मरीज कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में मिला। इसके उपरांत डेंगू और कोरोना के एक साथ संक्रमित ऐसे करीब 17 मरीज मिले। इन सभी संक्रमित मरीजों के मामले में जब अध्ययन किया गया तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। अध्ययन में पता चला कि डेंगू की वजह से कोरोना संक्रमितों की जान बच गई। कानपुर के हैलट (एलएलआर) अस्पताल के चिकित्सकों के मुताबिक डेंगू भी घातक है, लेकिन फिलहाल डेंगू कोरोना संक्रमित मरीजों की जान बचा रहा है।
ये भी पढ़ें- बढ़ने लगे कोरोना वायरस के मरीज, अब टोल पर भी शुरू हुई यात्रियों की जांच

कोरोना मरीजों को डेंगू होना यूं रहा फायदेमंद-
डेंगू और कोरोना, दोनों ही संक्रमण के प्रभाव विपरीत होते हैं। कोरोना का संक्रमण होने पर खून में थक्के बनते हैं। लेकिन डेंगू में ऐसा नहीं है। डेंगू प्लेटलेट्स कम करता है। इस कारण खून पतला होने लगता है, लेकिन खून के थक्के नहीं जमते। इसका असर कुछ यूं होता है कि फेफड़े की छोटी-छोटी रक्त नलिकाओं को पूरी ऑक्सीजन मिलती रहती है। और मरीजों को वेंटीलेटर की जरूरत भी नहीं पड़ती। चिकित्सकों ने बताया कि इसी वजह से प्रदेश में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल के कोविड आइसीयू का रिकवरी दर काफी बेहतर है। अगस्त माह की आरंभ में कोविड-19 के चार मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई थी, लेकिन अन्य कोरोना मरीजों की तरह उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत ही नहीं पड़ी। यह देश मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. प्रेम सिंह व एनस्थीसिया विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. चंद्रशेखर ने इन मरीजों की केस स्टडी कर उनके खून, एक्सरे व सीटी स्कैन की मॉनीटरिंग की। इसमें यह तथ्य सामने आए।
ये भी पढ़ें- यूपी पंचायत चुनाव में महिलाओं के जरिए कमल खिलाने की तैयारी में बीजेपी, लेकिन इन्हें नहीं मिलेगा टिकट

19 में से 17 हुए स्वस्थ-
हैलट अस्पताल के प्रोफेसर, मेडिसिन एवं नोडल अफसर कोविड हॉस्पिटल, न्यूरो साइंस सेंटर डॉ. प्रेम सिंह के मुताबिक दोनों वायरस घातक हैं। इनका इलाज नहीं है, सिर्फ लक्षणों के आधार पर ही इलाज किया जाता है। यहां कई कोरोना संक्रमितों की जान डेंगू की वजह से बच गई। उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ी। अब तक 19 केस आए हैं, उनमें से 17 स्वस्थ होकर जा चुके हैं। विलंब से आने की वजह से सिर्फ दो की मौत हुई है।
कोरोना संक्रमितों को डेंगू संक्रमण होना फायदेमंद रहा-
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में एनस्थीसिया विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि कोरोना संक्रमितों को डेंगू संक्रमण होना फायदेमंद रहा। उन्हें वेंटीलेटर की जरूरत नहीं पड़ी और न ही जटिलताएं हुईं। मामूली ऑक्सीजन से ही स्वस्थ हुए। हालांकि उन्हें हॉस्पिटल में अधिक रुकना पड़ा। उनकी कोविड रिपोर्ट विलंब से निगेटिव हुई।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो