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यूपी पंचायत चुनाव में महिलाओं के जरिए कमल खिलाने की तैयारी में बीजेपी, लेकिन इन्हें नहीं मिलेगा टिकट

locationलखनऊPublished: Nov 26, 2020 04:46:22 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

पहले भाजपा (BJP) पंचायत चुनावों में केवल अन्य उम्मीदवारों को समर्थन ही देती थी। लेकिन इस बार तस्वीर अलग होगी।

Bihar Election: Yogi Adityanath Attend Three Election Rally Today

योगी आदित्यनाथ करेंगे तीन चुनावी सभा।

पत्रिका न्यूज नेटवर्क.
लखनऊ. यूपी पंचायत चुनावों (UP Panchayat Chunav) की तारीखों की अभी घोषणा नहीं हुई है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) ने कमर कस ली है। पहली बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के नेत्रत्व में भाजपा पंचायत चुनाव में बड़े स्तर पर उतर रही है। इससे पूर्व पार्टी पंचायत चुनावों में केवल अन्य उम्मीदवारों को समर्थन ही देती थी। लेकिन इस बार तस्वीर अलग होगी। इस बार के पंचायत चुनाव में महिलाओं के जरिए भी भाजपा पंचायत चुनाव में कमल खिलाने की तैयारी में है। भाजपा न सिर्फ महिलाओं का नेत्रत्व तैयार कर रही है, बल्कि महिला उम्मीदवारों की अलग टीम तैयार करेगी, हालांकि पार्टी पदाधिकारियों की पत्नियों को टिकट नहीं दिया जाएगा।
भाजपा के संगठन महामंत्री सुनील बंसल ने इसे लेकर सभी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए। जारी निर्देशों के अनुसार, यूपी पंचायत चुनाव में किसी भी पदाधिकारी को अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाने की इजाजत नहीं होगी। चुनाव के लिए ऐसी महिलाओं की एक टीम बनाई जाएगी, जो चुनाव में जीत का परचम लहरा सके।
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सीएम योगी की अगुवाई में होने वाले चुनाव से भाजपा राज्य के गांव-गांव में अपनी पैठ बढ़ाना चाहती है। इसी वजह से भाजपा हर स्तर पर अपने अधिकृत कैंडिडेट खड़ी करेगी। इसकी तैयारी जोरों पर है। बिहार में जीत के बाद भाजपा साइलेंट वोटर की ताकत को समझ गई है। पीएम मोदी ने कहा है कि यह साइलेंट वोटर कोई और नहीं बल्कि गांव की महिलाएं हैं, जो सब समझती हैं और वोट करती हैं। इसलिए आधी आबादी की चुनाव में बड़ी भूमिका होगी।
बनेगी महिलाओं की टीम-
सुनील बंसल ने निर्देश देता हुए कहा है पार्टी नेता व पदाधिकारी महिलाओं की ऐसी टीम तैयार करें, तो न सिर्फ गांव स्तर पर नेत्रत्व करें बल्कि चुुनाव में जीत का परचम भी लहराए। भाजपा महिला संगठन को गांव-गांव तक खड़ा करना चाहती है। ग्राम प्रधान के चुनाव तक में महिला उम्मीदवारों को उतारने की तैयारी है। फिलहाल जो महिलाएं भाजपा संगठन से जुड़ी हुई है, वह शहरी इलाके से हैं, लेकिन अब पार्टी का जिस तरह ग्रामीण इलाकों में राजनीतिकरण बढ़ रहा है, उसे देखते हुए भाजपा ने गांव स्तर पर महिलाओं की भूमिका को मजबूत करने का मन बना लिया है।
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फिलहाल भाजपा में शहरी इलाके से महिलाएं-
पंचायत चुनाव के जरिए बीजेपी अपने महिला संगठन को गांव-गांव तक खड़ा करना चाहती है। फिलहाल बीजेपी के संगठन के साथ जो महिलाएं जुड़ी हुई हैं, उनमें ज्यादातर शहरी इलाके से हैं। हालांकि, बीजेपी एक समय शहरी पार्टी मानी जाती थी, लेकिन पार्टी का राजनीतिक आधार जिस तरह से ग्रामीण स्तर पर बढ़ा है।बिहार चुनाव में साइलेंट वोटर की भूमिका को देखते हुए बीजेपी ने यूपी में भी गांव स्तर पर महिलाओं को पार्टी से जोड़ने की कवायद शुरू की है।
33 फीसदी महिला आरक्षण-
यूपी में पंचायत चुनाव में 33 फीसदी महिला आरक्षण है। यूपी में कुल 59,163 प्रधान चुने जाते हैं। इसके अलावा ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य की 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं, जहां बीजेपी ने अपने महिला कार्यकर्ता को चुनावी मैदान में उतारने का फैसला किया है। इस फॉर्मूले के जरिए बीजेपी का यूपी के हर एक गांव में महिला नेतृत्व खड़ा हो जाएगा, जो 2022 के विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ के लिए सियासी तौर पर बड़ा फायदा दिला सकता है।
यूपी में महिला वोटर की भूमिका (2019 लोकसभा चुनाव के अनुसार)-
– कुल 14.40 करोड़ मतदाता
– 7.79 करोड़ पुरुष
– 6.61 करोड़ महिला वोटर

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