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वैक्सीन ट्रायल को ढूंढे नहीं मिले 180 फ्रेश वालंटियर, कोरोना से कई गुना अधिक रखेगी सुरक्षित इंट्रा नेजल

locationकानपुरPublished: Apr 27, 2022 10:07:41 am

Submitted by:

Snigdha Singh

Covid Vaccine Intranasal Trial: कोरोना वैक्सीन इंट्रा नेजल के कोई वॉलेंटियर फ्रेश नहीं मिल रहा है। ऐसे में कोरोना में कई गुना अधिक कारगर वैक्सीन का ट्रायल एक तरह ठप हो रहा है।

Corona Vaccine Intranasal trials begin in Kanpur no fresh volunteer

Corona Vaccine Intranasal trials begin in Kanpur no fresh volunteer

कोरोना का खौफ फिर बढ़ने लगा है। कानपुर में इंट्रा नेजल कोविड वैक्सीन के तीसरे फेज का ट्रायल फंस गया है। 180 वालंटियर नहीं मिलने से ट्रायल नहीं शुरू हो पाया है जबकि आईसीएमआर से अनुमति मिले छह दिन हो गए हैं। इस ट्रायल में उन वालंटियरों को लिया जा रहा है, जिन्होंने अभी तक कोई भी कोविड वैक्सीन नहीं लगवाई है। फिलहाल ट्रायल को आई आईसीएमआर की टीम लौट गई है। हालांकि, भारत बायोटेक की टीम मौजूद है।
कानपुर के प्रखर हॉस्पिटल में ही तीसरे फेज का भी ट्रायल किया जाना है। अब तक 42 वालंटियरों का रजिस्ट्रेशन हो सका है। इनमें से 17 में नेचुरल एंटीबॉडीज पाई गई हैं। रजिस्ट्रेशन कराने वालों में ग्रामीण इलाके के भी लोग हैं। ट्रायल टीम के चीफ गाइड डॉ. जेएस कुशवाहा ने बताया कि बुधवार से रजिस्ट्रेशन लगातार जारी है। ज्यादातर लोगों ने वैक्सीन की कम से कम एक डोज तो लगा ही ली है। फिर भी उम्मीद है कि आने वाले दिनों में ट्रायल का एक कोटा पूरा हो जाएगा।
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देश भर में चल रहा ट्रायल

इससे पहले पिछले साल सितम्बर में इंट्रा नेजल कोविड वैक्सीन के ट्रायल में कानपुर के 50 वालंटियरों को शामिल किया गया था। इस बार तीसरे फेज में देशभर के 18 सेंटरों में 3160 वालंटियरों पर इसका ट्रायल होगा। इन सेंटरों में पांच एम्स के साथ कानपुर के प्रखर हॉस्पिटल को फिर से चुना गया है। इस बार 18 साल से ऊपर के वालंटियरों को नाक से वैक्सीन दी जाएगी। एक साथ एक नेजल में 4 बूंद फिर दूसरे नेजल में 4 बूंद दी जाएंगी। हर बूंद 0.5 एमएल की होगी। पिछली बार 2-2 बूंद पांच-पांच मिनट के अंतराल पर दी गई थी।
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28वें दिन लगेगी दूसरी डोज

प्रो. जेएस कुशवाहा ने बताया कि पहली डोज के 28वें दिन 4-4 बूंद की दूसरी डोज दी जाएगी। इसमें पहले दिन पहली डोज से पहले, 28, 42, 90 और 180 दिन पर सीरम सैम्पल लेकर एंटीबॉडीज का भी आकलन किया जाएगा। इससे पता चलेगा कि नेजल वैक्सीन से वालंटियरों को कितनी एंटीबॉडीज बनीं।
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