8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

डिजिटल अरेस्ट और साइबर क्राइम से ठगी: मौलाना सहित दो गिरफ्तार, मदरसे के अकाउंट का होता था प्रयोग

कानपुर में डिजिटल अरेस्ट और साइबर ठगी के मामले में पुलिस ने मदरसा चलाने वाले मौलाना सहित दो को गिरफ्तार किया है। जो पीछे रहकर गैंग के सदस्यों की मदद करता था। अब तक 32 लाख 50 हजार और 60 लाख रुपए के ट्रांजैक्शन की जानकारी हो चुकी है।

2 min read
Google source verification
पुलिस की गिरफ्त में साइबर ठग मौलाना और अन्य

कानपुर में डिजिटल अरेस्ट करके लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाले दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। जिनमें से एक मौलाना है। जो मदरसा चलता है। डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से मिलने वाले वाली रकम को एनजीओ के खाते में मांगता था। पुलिस उपायुक्त सेंट्रल ने मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नए तरीके से फ्रॉड की योजना बनाते समय दो को गिरफ्तार किया गया है। जबकि दो अन्य अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले। लेकिन गैंग के सदस्यों की तलाश में टीमें लगाई गई है। मामला कर्नलगंज थाना क्षेत्र का है।

यह भी पढ़ें: कानपुर में पांच मंदिरों की खोज, शिवालय का शिवलिंग मिला गायब, मेयर ने अवैध कब्जा खाली करने को कहा

कर्नलगंज थाना पुलिस के अनुसार मुखबिर से सूचना मिली कि जीआईसी ग्राउंड में साइबर अपराध से जुड़े लोग नई योजना बना रहे हैं। जिसमें इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल फोन, डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से जबरन अपने खाते में रुपए स्थानांतरण कराते हैं। सूचना पाकर मौके पर पहुंची कर्नलगंज थाना पुलिस ने दो को गिरफ्तार किया। जिनमें मोहम्मद जावेद अख्तर पुत्र निवासी यतीम खाना थाना करनाल गंजी का रहने वाला है। जो मूल रूप से ग्राम रजोड़ा रेशम शुगर फैक्ट्री थाना रेशम दरभंगा बिहार का रहने वाला है। जबकि दूसरा अभियुक्त मो. स्वालेह पुत्र शकील अहमद निवासी हीरामन का पुरवा थाना बेकनगंज कानपुर नगर शामिल है।

ठगी की रकम के लिए मदरसे के खाते का इस्तेमाल

पुलिस की पूछताछ में मोहम्मद जावेद अख्तर ने बताया कि वह कसीमुल उलूम फाउंडेशन के नाम से मदरसा चलता है जिसमें यतीम बच्चों को शिक्षा दी जाती है। अपने कुछ साथियों के माध्यम से इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से धोखाधड़ी कर मदरसा के खाते में ठगी के पैसे मंगवा लेता है। जिसे बाद में बांट लेते थे। ठगी के रकम को एनजीओ के बैंक खातों की प्रयोग करते हैं। पिछले महीने 32.50 लाख रुपए का ठगी करके अपने खाते में ट्रांसफर कराया है।‌

क्या कहते हैं पुलिस उपायुक्त सेंट्रल?

पुलिस उपायुक्त सेंट्रल दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि मदरसे के मौलाना को गिरफ्तार किया गया है। जो पीछे रहकर इन सब की मदद करता है और यतीमखाना के पास मदरसा चलता है। अपने साथियों के साथ साइबर अपराध और डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से लोगों को ठगी का शिकार बनाता है। ठगी के रकम को मदरसे के अकाउंट में मंगाते थे। गैंग में हैकर भी शामिल है। 32 लाख 50 हजार और 60 लाख रुपए के ट्रांजैक्शन की जानकारी हुई है। गैंग के अन्य सदस्यों की जांच लखनऊ और दिल्ली में साइबर और सर्विलांस की मदद से की जा रही है