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विदेश से कानपुर के इस धाम आ पहुंचे विदेशी मेहमान, अब पितरों की मुक्ति के लिए कर रहे यहां हवन पूजन

चेक गणराज्य के विभिन्न स्थानों से दो दंपति सहित 10 लोग भी यहां आए हुए हैं, जो आश्रम में वेद व दर्शन का ज्ञान ले रहे हैं।

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विदेश से कानपुर आ पहुंचे विदेशी मेहमान, अब पितरों की मुक्ति के लिए कर रहे यहां हवन पूजन

विदेश से कानपुर आ पहुंचे विदेशी मेहमान, अब पितरों की मुक्ति के लिए कर रहे यहां हवन पूजन

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
कानपुर. भारत अपनी संस्कृति और परम्पराओं (Indian Cultuture) के लिए विश्व विख्यात है। समय समय पर विदेश (Foriegner Come in Kanpur) से लोग यहां दर्शन भ्रमण पर आते हैं और यहां के क्रिया कलापों की अनुभूति लेते हैं। ऐसा ही कुछ नजारा कानपुर के करौली धाम (Karauli Dham) स्थित आश्रम में दिखा, जहां विदेशियों ने आकर पितरों की मुक्ति के लिए हवन-पूजन व अनुष्ठान किया। दरअसल चेक गणराज्य से दस लोगों ने यहां आश्रम में आकर वेद व दर्शन के सार को समझ रहे हैं। बताया जा रहा है कि ये लोग पंद्रह दिनों तक यहीं रुकेंगे।

दरअसल चकेरी से सटे करौली गांव स्थित ईश्वरीय चिकित्सा एवं अनुसंधान केंद्र में वैदिक सनातन संस्कृति के विभिन्न विषयों पर अनुष्ठान व अनुसंधान हो रहे हैं। यहां भारत सहित विदेशों से लोग चिकित्सकीय लाभ के लिए आते हैं। इसी क्रम में चेक गणराज्य के विभिन्न स्थानों से दो दंपति सहित 10 लोग भी यहां आए हुए हैं, जो आश्रम में वेद व दर्शन का ज्ञान ले रहे हैं। चेक के प्लम्लोव शहर के डिप्टी मेयर रहे इरी कोचांद्रल ने बताया कि एक माह पूर्व गुरुजी डा.संतोष सिंह भदौरिया से फोन पर बात हुई। उनसे प्रेरित होकर भारतीय विद्या को समझने करौली आये हैं।

बताया जा रहा है कि करौली में आए इरी कोचांद्रल व पत्नी वेरा के अलावा पावेल कुहलेन, मार्टिना कुहनेलोवा, फ्रेंटिसेक फिलौस, जारोसलाव पौलेनिक, यान कोचांद्रल, ओंडरे हरुडलिक, पीटर सूया, वाक्लाव क्रेजलिक आदि पूजन में लीन हैं। वहीं भारतीय दर्शन पद्धतियों के अनुयायी बनकर पुनर्जन्म सिद्धांत को भी समझ रहे हैं। अब ये लोग अपने पितरों व पूर्वजों की मुक्ति के लिए हवन-पूजन कर रहे हैं। नौ हवन के बाद इनके पूर्वजों-पितरों का मुक्ति अनुष्ठान होगा। परिवार के सदस्यों की स्मृति रोग चिकित्सा कर पूर्णिमा पर गुरुदीक्षा दी जाएगी।