
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
कानपुर. कोरोना वायरस की दूसरी लहर के चलते यूपी सहित पूरे देश में कोविड मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। संक्रमण की रफ्तार थामने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। कोविड टेस्टिंग के साथ ही वैक्सीनेशन प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है। इस बीच आइआइटी कानुपर के विशेषज्ञों की चेतावनी चिंता का सबब है। विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार कोरोना वायरस का संक्रमण कहीं ज्यादा तेज होगा। आइआइटी कानपुर के डिप्टी डायरेक्टर मणीन्द्र अग्रवाल ने गणितीय मॉडल के आधार पर चेतावनी जारी करते हुए कहा कि अगले 15 दिन बेहद चुनौतीपूर्ण होने वाले हैं। अप्रैल महीने में भारत में रोजाना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा एक लाख पहुंच सकता है, जबकि उत्तर प्रदेश में यह संख्या 6000 मरीज प्रतिदिन हो सकती है। हालांकि, उन्होंने लॉकडाउन की जरूरत को नकार दिया। कोरोना की पहली लहर में देश में एक दिन में अधिकतम 97 हजार 500 केस रिकॉर्ड किए गए थे।
आइआइटी के प्रोफेसर महेंद्र वर्मा ने बताया कि भारत सरकार की तरफ से जारी होने वाले डेटा के आधार पर फरवरी में री-प्रोडक्शन वैल्यू शून्य से नीचे थी। इसका मलतब यह था कि कोविड का असर न्यूनतम था। धीरे से इसमें बढ़त शुरू हुई और अब ये 1.25-1.30 के खतरनाक स्तर पर पहुंच रहा है। महाराष्ट्र, पंजाब, आंध्र प्रदेश में यह दर सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भी री-प्रॉडक्शन वैल्यू में इजाफा हो रहा है। स्थिति ऐसी ही रही तो भारत में रोजाना एक लाख संक्रमितों का आंकड़ा पहुंच सकता है।
आइआइटी कानपुर के साइबर सिक्यॉरिटी हब के प्रोग्राम डायरेक्टर मणींद्र अग्रवाल के अनुसार, कोरोना के मामले में महाराष्ट्र अगले दो हफ्ते में टॉप पर होगा। मॉडल के आधार पर महाराष्ट्र में रोजाना 45-50 हजार केस आ सकते हैं। इसी तरह पंजाब में प्रतिदिन 3500 केस आ सकते हैं। दिल्ली में भी अप्रैल-मई में संक्रमण के 5-6 हजार नए केस रिपोर्ट हो सकते हैं।
जून में होंगे न्यूनतम केस
प्रोफेसर ने बताया कि लोगों में प्रतिरोधक क्षमता और वैक्सीनेशन के अच्छे नतीजे भी दिखेंगे। जिसके चलते 15 अप्रैल के बाद केसों में गिरावट शुरू हो जाएगी। लॉकडाउन की जरूरत नकारते हुए प्रोफेसर अग्रवाल ने कहा कि वायरस बहुत ज्यादा असर नहीं कर रहा है। केस बढ़ने के बावजूद अस्पतालों में ज्यादा मरीज नहीं है। जून के अंतिम हफ्ते में केस फिर न्यूनतम स्तर पर पहुंचने की संभावना है।
वैक्सीनेशन व सतर्कता से थामी जा सकती है रफ्तार
प्रोफेसर महेंद्र वर्मा ने कहा, हालांकि राहत की बात यह है कि दूसरी लहर में वायरस म्यूटेट होकर कमजोर पड़ा है। लेकिन, इन दिनों सभी को बहुत सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सभी लोग कोविड गाइडलाइन्स को फॉलो करें और वैक्सीनेशन करवाएं, इससे कोरोना की रफ्तार को काफी हद तक थामी जा सकती है।
Published on:
01 Apr 2021 02:56 pm
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