scriptअब डायबिटीज कैंसर और मानसिक बीमारियों के मरीजों को इलाज पर नहीं खर्च करने होंगे ज्यादा पैसे | IIT kanpur Help Testing of diabetes, cancer and mental health Cheap | Patrika News

अब डायबिटीज कैंसर और मानसिक बीमारियों के मरीजों को इलाज पर नहीं खर्च करने होंगे ज्यादा पैसे

locationकानपुरPublished: Jun 27, 2022 10:11:30 am

Submitted by:

Snigdha Singh

New Technology: आईआईटी कानपुर ने अब लोगों के लिए इलाज सस्ता कर दिया है। ऐसी मशीनें बनाई है जो सस्ती है। इससे लोगों की जांच में राहत मिलेगी।

IIT kanpur Help Testing of diabetes, cancer and mental health Cheap

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अब डायबिटीज, कैंसर और मेंटल रोगियों के लिए राहतभरी खबर है। अब ऐसे मरीजों का बीमारी की जांच में अधिक खर्च नहीं होगा। आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिक और स्टार्टअप अब डायबिटीज, कैंसर, मेंटल हेल्थ और इमरजेंसी केयर से जुड़े सस्ते व अत्याधुनिक उपकरण तैयार करेंगे। इससे गांव-गांव तक चिकित्सीय सुविधा पहुंचाई जा सके। इसके लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने आईआईटी कानपुर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की है। संस्थान के वैज्ञानिक व स्टार्टअप कंपनियां अपने इस शोध में कई चिकित्सीय संस्थान की भी मदद लेंगी। जिसमें मुख्य रूप से कानपुर का जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, एम्स भुवनेश्वर, लखनऊ के केजीएमयू, एसजीपीजीआई, राम मनोहर लोहिया अस्पताल, बंगलुरु का निमहंस समेत कई अस्पताल हैं। इससे अब हर किसी को इलाज संभव हो पाएगा।
आईसीएमआर ने चिकित्सीय सुविधा को अत्याधुनिक करने के लिए देशभर के टॉप आईआईटी के साथ समझौता किया है। इस समझौते के तहत आईसीएमआर ने आईआईटी कानपुर की तरह आईआईटी दिल्ली, आईआईटी बांबे, आईआईटी मद्रास, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी गुवाहाटी समेत कुछ अन्य संस्थानों में भी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की है। इस सेंटर में वैज्ञानिकों को अलग-अलग सेक्टर में शोध करने का लक्ष्य दिया गया है। कानपुर को चार क्षेत्र में शोध का लक्ष्य दिया गया है। इससे ग्रामीणों को भी इलाज मिल सकेगा।
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आईसीएमआर को देगी हर साल नई डिवाइस

आईआईटी के वैज्ञानिक व स्टार्टअप इंक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर के प्रभारी प्रो. अमिताभ बंदोपाध्याय के मुताबिक इस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रख रिसर्च होगी। इस रिसर्च में तैयार उपकरण या डिवाइस की कीमत को भी विशेष ध्यान रखा जाएगा क्योंकि इसका उद्देश्य सस्ती मेडिकल डिवाइस तैयार करना है। जिससे गांव-गांव तक अत्याधुनिक चिकित्सीय सुविधा व उपकरण पहुंच सके। आईआईटी ने आईसीएमआर को हर साल पांच नई डिवाइस देने की योजना तैयार की है। इन डिवाइस की कीमत कम होगी। इसका सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ेगा।
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