28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

2017 विधान सभा के चुनाव की दस्तक ने फिर से दिया कूड़े को करेन्ट

केवल पनकी क्षेत्र में हर माह 30 हजार टन कूड़े फेका जाता है और इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि आखिर पिछले दो सालो में यहां कूड़े का कितना बड़ा ढ़ेर लगा हो सकता है

2 min read
Google source verification

image

vikas vajpayee

Sep 06, 2016

ISFL will recycle garbage of kanpur city

ISFL will recycle garbage of kanpur city

विकास वाजपेयी
कानपुर - शहर में कूड़े के निस्तारण का काम किसी खराब हालत की गाड़ी के हिचकोले लेते हुए बन्द और फिर चालू होने की कहानी की तरह ही है। पिछले पांच सालों में कानपुर के पनकी डम्पिंग ग्राउण्ड में जनता को दिलासा दिलाने के नाम पर अधिकारियों ने कई बार कूड़े से उपयोगी सामान बनाने के सब्ज बाग जनता को दिखाए है लेकिन कभी भी इन कामों पर फाइलों को छोड़ दे तो हकीकत में काम होता नहीं दिखाई दिया है।
हलांकि पिछले सप्ताह से सरकार ने अधिकारियों पर लगाम कसते हुए रुके हुए काम पूरे कराने का दबाव बनाना शुरू कर दिया है। इसे उत्तर प्रदेश में 2017 को होने वाले चुनावों की दस्तक कहा जाए या फिर कुछ और लेकिन हकीकत में शहर की जनता काफी समय से कानपुर में कूड़े को लेकर सरकार और अधिकारियों की हीला हवाली की शिकायत करती रही है।
वैसे तो सरकार के कामों की रफ्तार को देख कर लगता है कि पांच सालों में जनता को उसने विकास और जरूरत के मामले में जितना तड़पाया है शायद वो सारे काम वो पांच महिनों में पूरा करने की कोशिश कर रही है लेकिन नेता जी ये पब्लिक है ये सब जानती है।
कूड़े की विकराल होती समस्या पर विचार करते हुए कानपुर नगर निगम और कूड़ा निस्तारण का काम करने वाली कम्पनी में इस सप्ताह एक समझौता किया गया गै जिसके तहत कानपुर के पनकी कूड़ा डम्पिंग ग्राउण्ड में मौजूद कूड़े से शहर के लिए उपयोगी समान के साथ बिजली बनाने का काम किया जाएंगा।
शहर में मायावती के समय पर एटूजेड़ को दिये गये काम पर दो साल पहले रोक लगा दी गयी थी जिसके बाद पनकी क्षेत्र में कूड़े के बड़े-बड़े पहाड़ खड़े हो गये थे।
अनुमान के मुताबिक केवल पनकी क्षेत्र में हर माह 30 हजार टन कूड़े फेका जाता है और इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि आखिर पिछले दो सालो में यहां कूड़े का कितना बड़ा ढ़ेर लगा हो सकता है। अधिकारियों के मुताबिक इस स्थान पर अब तक 5 से 6 लाख टन कूड़ा एकत्र हो चुका है।
निस्तारण करने वाली कम्पनी इस कूड़े के ढेर से ग्रीन कोल और लाकिंग ब्रिक के साथ बिजली उत्पादन करने का दावा कर रही है। आईएलएफएस कम्पनी के पदाधिकारी शशांक शुक्ला और अखिलेश दिवेदी के अनुसार कूड़े के निस्तारण का काम इसी माह के अन्त तक शुरू कर दिया जाएंगा।