
Court acquitted gangster Jaikant and his three brothers कानपुर में मारपीट के मामले में आरोपी गैंगस्टर जयकांत बाजपेई और उसके तीन भाइयों को अदालत ने बरी कर दिया है। एसीजेएम प्रथम की अदालत ने यह निर्णय दिया है। सबूत और गवाहों के बयान के आधार पर अदालत ने चारों भाइयों को दोष मुक्त कर दिया। जयकांत बाजपेई का नाम बिकरु कांड से भी जुड़ा है। 7 साल पहले हुई एक अन्य घटना के संबंध में अदालत ने यह निर्णय सुनाया है। लेकिन कई अन्य मामले भी जयकांत वाजपेई के खिलाफ चल रहे हैं। जिसके कारण अभी जेल में ही रहना पड़ेगा। घटना नजीराबाद थाना क्षेत्र की है जयकांत वाजपेई अपने भाइयों के साथ कानपुर देहात की जेल में बंद है।
उत्तर प्रदेश के कानपुर में बिकरू कांड के बाद चर्चा में आए जयकांत वाजपेई अदालत ने बरी कर दिया है। जिसके खिलाफ 7 साल पहले नजीराबाद थाना में मुकदमा दर्ज कराया गया था। जिसमें जयकांत वाजपेई के साथ उसके तीन भाई भी शामिल हैं। नजीराबाद थाना क्षेत्र में 15 मार्च 2018 को दरोगा दिनेश त्रिपाठी ने मुकदमा कर गया था।
अपने तहरीर में दरोगा बताया था कि 14 मार्च 2018 की रात को सौरव भदौरिया और रजत बाजपेई के बीच विवाद हो गया था। दोनों तरफ से ही मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसी क्रम में विशाल कोरी को होमगार्ड के साथ मेडिकल कराने के लिए अस्पताल भेजा गया था। रास्ते में रेलवे क्रॉसिंग के पास दोनों पक्षों में ईंट पत्थर चलने लगे। जानकारी मिल पर दरोगा दिनेश त्रिपाठी भी मौके पर पहुंच गए। उनके सामने भी ईंट पत्थर पता चल रहा था।
घटना के बाद दोनों पक्षों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। जयकांत बाजपेई, शोभित वाजपेई, अजयकांत बाजपेई, राजेकांत बाजपेई, पवन गुप्ता, ज्ञअनिल सोनकर, सरतेन्दु भदौरिया, अजय प्रताप, सौरव भदौरिया, अनिल सोनकर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने विवेचना के बाद अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी। इस मामले में जयकांत और उसके भाइयों ने अपनी फाइल मामले से अलग कर लिया। इस बीच 8 दिसंबर 2023 को पुलिस ने चारों आरोपियों के ऊपर आरोप तय कर दी। इस मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से 12 गवाह अदालत में पेश किए गए। जिसमें पांच प्रत्यक्षदर्शी थे।
एसीजेएम प्रथम की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद जयकांत सहित चारों भाइयों को दोष मुक्त कर दिया। बताया जाता है कि गवाहों के बयान में विरोधाभास था। होमगार्ड तेज प्रताप ने अपने बयान में कहा था कि विशाल कोरी को पथराव के बाद छुड़ा कर ले गए। जबकि एफआईआर में लिखा गया था कि भगदड़ का फायदा उठाकर विशाल कोरी भाग गया।
कई अन्य बातों में विरोधाभास था। जो गैंगस्टर जयकांत वाजपेई के पक्ष में गया। होमगार्ड और दरोगा ने भी आरोपियों को पहचानने से इनकार कर दिया। बोले घटना के समय अंधेरा था। इसके बाद चारों भाइयों को जमानत मिल गई। जयकांत बाजपेई का नाम बिकरु कांड से जुड़ने के बाद मामला चर्चा में आ गया था।
Published on:
15 May 2025 05:25 pm
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