
इस पुलिस वाले की जिद के आगे कोरोना ने घुटने टेके
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
कानपुर. जज़्बे और दृढ़ इच्छाशक्ति के आगे आखिरकार कोरोना वायरस ने घुटने टेक दिए। एक पुलिस अफसर की जिद, संयम और देखभाल से पूरे परिवार को उन्होंने कोरोना संक्रमण से निजात दिलाया। और खुद को भी संक्रमण मुक्त कराया। उनकी यह कहानी बहुत सारे लोगों के लिए मिसाल बन गई है। कानपुर के एडिशनल डीसीपी क्राइम दीपक भूकर (Kanpur Additional DCP Crime Deepak Bhukar) बताते हैं कि कोरोना के खौफ को वैक्सीन और इच्छाशक्ति से मात दिया जा सकता है। पूरे परिवार सहित कोरोना संक्रमित होने के बाद मेरा यही अनुभव है।
कानपुर के एडिशनल डीसीपी क्राइम दीपक भूकर ने जब अपनी कहानी बताई तो जिसने भी सुना उसने ही उनके साहस और हिम्मत की सराहना की। दीपक भूकर बताते हैं कि, 15 अप्रैल को सबसे पहले मेरी पत्नी, तीन महीने का बेटा और सास व ससुर एक साथ संक्रमित पाए गए। जांच हुई तो डॉक्टरों ने बेटे को लेकर दिल में डर भर दिया। उसके चेस्ट में कुछ संक्रमण बढ़ गया था। ऐसा लगा कि सभी को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ेगा, मगर मैने फैसला किया सभी को होम आइसोलेशन में रखकर डॉक्टर की सलाह से काम करूंगा। हालात ऐसे थे कि बेटे को मुझ़े अपने साथ ही रखना पड़ता था, क्योंकि उसकी देखरेख पत्नी नहीं कर पा रही थी। गाड़ी धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही थी कि इसी बीच मुझे समस्याएं होनी शुरू हुई और 22 अप्रैल को मैं भी संक्रमित हो गया। मेरी हालत भी शुरूआत में तेजी से बिगड़ी, मगर मैंने फैसला कर लिया था कि खुद को घर पर ही रखकर इलाज करूंगा। पूरा घर सामान्य होने में करीब 20 दिन लगे।
वैक्सीनेशन बेहद जरूरी :- डीसीपी क्राइम दीपक भूकर ने कहाकि, असल में कोरोना को जीतने के लिए दिल में जज्बा होना बेहद जरूरी है। ज्यादा पैनिक बढऩे से आक्सीजन लेवल पर बुरा असर पड़ता है। दवाओं के अलावा सुबह उठकर योगा, दिन में दो से तीन बार ब्रीथिंग एक्सरसाइज और दो से तीन बार रोजाना भाप लेना नहीं छोड़ा। बुखार से स्वाद चला गया था, मगर मैंने स्वयं की और परिवार वालों की डाइट कम नहीं होने दी। वैक्सीन के दोनों डोज ले लिए थे, इसीलिए हालत खराब होने के बाद भी वैक्सीन ने मुझे नया जीवन दिया। इसलिए वैक्सीनेशन बेहद जरूरी है।
Published on:
18 May 2021 05:32 pm
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