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कानपुर में तैयार हुआ 200 करोड़ लागत का PGI, इन बड़ी बीमारियों के इलाजों से लेकर होंगी ये सुविधाएं

locationकानपुरPublished: Jun 16, 2022 03:03:17 pm

Submitted by:

Snigdha Singh

PGI In UP: उत्तर प्रदेश में एक और पीजीआई का शुभारंभ हो गया। कानपुर मे तैयार मल्टी सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में अब बड़ी से बड़ी बीमारियों का इलाज हो सकेगा।

Kanpur Multi Super Speciality PGI Hospital Started

Kanpur Multi Super Speciality PGI Hospital Started

बहुप्रतीक्षित जीएसवीएम सुपर स्पेशियलिटी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट का शुभारंभ हो गया। पहले दिन ओपीडी में पीयूष वर्मा पहले मरीज रहे, जिन्होंने न्यूरोलॉजी में परीक्षण कराया। न्यूरो सर्जरी और न्यूरोलॉजी में 60 मरीजों की सेहत जांची गई। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो.संजय काला, एसआईसी प्रो.आरके मौर्या और डॉ.मनीष सिंह ने सुबह 9 बजे विधिवत ओपीडी के साथ पीजीआई का शुभारम्भ किया तो मरीजों और स्टाफ ने तालियां बजाकर खुशी जताई। ओपीडी में 60 मरीजों को दिखाने के लिए मंगलवार को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर लिया गया था। उसी कड़ी में पीयूष पहले थे। उन्हें कई दिन से सिरदर्द की शिकायत थी। उनके साथ सारे मरीज पीजीआई को देखकर काफी देर तक हैरान रहे। पीयूष बोले, सर ऐसा हॉस्पिटल तो पूरे शहर में नहीं है, भीड़ में मरीजों को लाइन नहीं लगानी है और स्टाफ नर्स खुद आकर उन्हें डॉक्टर के चैंबर में ले जा रही हैं।
उठने लगे सवाल, न बजट न स्टाफ

शासन के निर्देश पर 200 करोड़ से प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत बनाए गए पीजीआई को शुरू तो कर दिया गया लेकिन यहां न तो स्टाफ है और न ही बजट। आधी-अधूरी तैयारियों के साथ हैलट के डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ के सहारे ओपीडी चालू कर दी गई। शहर की शान बने इस अस्पताल को शुरू करने पर सवाल भी उठने लगे हैं। डॉक्टर तक कहने लगे हैं कि करोड़ों खर्च के बाद सुपर स्पेशियलिटी इंस्टीट्यूट का उद्देश्य बेमतलब साबित हो गया है। विडम्बना है कि पीजीआई का खुद का अपना स्थायी बिजली कनेक्शन तक नहीं है। अस्थाई कनेक्शन पर इसे चलाना पड़ रहा है। पूरी इमारत का लोड डालते ही फीडर बोल जाएगा क्योंकि बिजली सब स्टेशन तक नहीं है। स्टाफ और बजट नहीं होने से ही न्यूरो सर्जरी, न्यूरोलॉजी की ओपीडी हैलट के ब्लॉक में चलती रही है, वह अब दिखाने के लिए पीजीआई में चलेगी ताकि यह दिखाया जा सके कि उसका शुभारम्भ हो गया है। स्टाफ न होने के कारण ही गैस्ट्रो, यूरो और नेफ्रो की ओपीडी को यहां न चलाकर हैलट में जारी रखा गया है। हालांकि मरीजों को पीजीआई में केजीएमयू के रेट पर एमआरआई और सीटी स्कैन होगा, वह मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ डॉ. अशोक वर्मा का स्टाफ यहां पर केस आने पर करने आएंगे।
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सिस्टम बेहतरीन पर सभी विभाग चलाए जाएं

पहले दिन परीक्षण कराने आए 60 मरीज इमारत देखकर चहक उठे। बोले, बिल्डिंग का मेक और सिस्टम बेहतरीन है पर शहर के मरीजों को कब पूरी क्षमता से सेवाएं देगा, इसका सभी को इंतजार है। कई मरीज तो अंदर प्रवेश करते ही बोले, वाह-सरकार ने शहर को बड़ी सौगात देकर दिल खुश कर दिया है, बस इसमें सभी विभाग चलाएं जाएं तभी उद्देश्य पूरा होगा।
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