9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मेट्रो का सफर हुआ और भी आसान, शुरू हुआ नया रूट सर्विस, 80 की रफ्तार, ट्रैफिक से मिलेगी राहत 

Kanpur News: शुक्रवार को कानपुर मेट्रो के कॉरिडोर-1 के बढ़े हुए हिस्से की शुरुआत कर दी है। इस नए हिस्से में पांच नए स्टेशन जोड़े गए हैं, जिससे लोगों को अब और ज्यादा इलाकों में मेट्रो की सुविधा मिल पाएगी।

2 min read
Google source verification
Indore Metro will provide free travel for seven days

Indore Metro- (image-source-patrika.com)

Kanpur Metro News: कानपुर मेट्रो की ये ट्रेनें पूरी तरह से भारत में ही बनी हैं और इनमें एडवांस सीबीटीसी (कम्युनिकेशन-बेस्ड ट्रेन कंट्रोल) सिस्टम लगा है। इसकी मदद से सफर न सिर्फ ज्यादा सुरक्षित होगा बल्कि भरोसेमंद और किफायती भी रहेगा। साथ ही, अब इस रूट में 5 अंडरग्राउंड स्टेशन भी शामिल हो गए हैं, जो शहर में ट्रैफिक की दिक्कतों को कम करने में मदद करेंगे।

पूरी तरह भारत में बने हैं ये कोच 

आगरा-कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए कुल 201 मेट्रो कोच (यानि 67 तीन-डिब्बों वाली ट्रेनें) और एक आधुनिक सिग्नलिंग सिस्टम तैयार किया जा रहा है। ट्रेनें हैदराबाद में डिज़ाइन की गई हैं, सिग्नलिंग सिस्टम गुरुग्राम और बैंकॉक में बना है, और इन्हें गुजरात के सावली में तैयार किया गया है – यानी पूरी तरह से ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की सोच को आगे बढ़ाते हुए।

एमडी ने क्या कहा ? 

कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर ओलिवियर लोइज़ॉन ने कहा, “यूपीएमआरसी के साथ हमारी पार्टनरशिप काफी मजबूत है। हमें खुशी है कि हम यूपी के ज़्यादातर मेट्रो प्रोजेक्ट्स में योगदान दे पा रहे हैं। इस नई मेट्रो सर्विस से कानपुर की पब्लिक ट्रांसपोर्ट में बड़ा बदलाव आएगा।”

टिकाऊ हैं ये ट्रेन 

कानपुर की मेट्रो ट्रेनें न सिर्फ स्टाइलिश हैं, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ भी हैं। ये ट्रेनें शहर के करीब 45 लाख लोगों को बेहतर और सुरक्षित यात्रा का विकल्प देंगी। साथ ही, यह परियोजना स्थानीय स्तर पर रोजगार बढ़ाने, विकास को गति देने और सामाजिक-आर्थिक ढांचे को मजबूत करने में भी अहम भूमिका निभाएगी।

संस्कृति और मॉडर्न जबरदस्त कॉम्बिनेशन 

इन ट्रेनों का डिज़ाइन कानपुर की संस्कृति और मॉडर्न लुक का जबरदस्त कॉम्बिनेशन है। अंदर से ट्रेनें काफी कंफर्टेबल हैं – जैसे कि एयर कंडीशन कोच, ऑटोमैटिक दरवाज़े, बैठने-खड़े होने की अच्छी जगह, दिव्यांगों के लिए खास स्पेस और लेटेस्ट पैसेंजर इंफॉर्मेशन सिस्टम।

यह भी पढ़ें: लड्डू खिलाकर ताइक्वांडो खिलाड़ी से ‘आश्रम’ के महंत ने किया सामूहिक दुष्कर्म

80 किमी/घंटा की रफ्तार

ये ट्रेनें 80 किमी/घंटा की रफ्तार से चल सकती हैं। मजबूत स्टेनलेस स्टील से बनी हैं और इनका डिज़ाइन काफी एयरोडायनामिक है, जिससे ये ज्यादा सेफ और एनवायरनमेंट-फ्रेंडली बनती हैं। इनमें लगा माइट्रैक प्रोपल्शन सिस्टम और फ्लेक्स बोगी ब्रेकिंग के वक्त एनर्जी बचाते हैं, जिससे खर्च कम होता है। और इनका CBTC सिस्टम ट्रेनों को ऑटोमैटिक चलाने में मदद करता है।