
Kanpur Violence
कानपुर हिंसा में संभावना जताई जा रही है कि, इसका कनेक्शन पापुलर फ्रंट आफ इंडिया से हो सकता है। इस तरह के देश में हुए कई हिंसा के मामलों में पापुलर फ्रंट आफ इंडिया संगठन की साजिश रही है। इस वक्त कानपुर में हालात नियंत्रण में हैं। कई बटालियन पीएसी, रैपिड एक्शन फोर्स की टीमों इस वक्त कानपुर में तैनात हैं। और रात में ही दंगाई पर काबू कर लिया गया है। कानपुर पुलिस कमिश्नर वीएस मीणा ने गृह विभाग तथा पुलिस के आला अधिकारियों को जो इनपुट दिए है, उनमें पीएफआइ के कनेक्शन की आशंका जताई है। पीएफआइ कनेक्शन की जांच शुरू हो गई है। कानपुर की नई सड़क क्षेत्र में शुक्रवार को हुए हिंसा में 55 के खिलाफ नामजद केस दर्ज किया गया है जबकि एक हजार अज्ञात पर नजर है। अब तक करीब 35 पुलिस की गिरफ्त में हैं।
कानपुर में पर्याप्त पुलिस बल तैनात
कानपुर हिंसा पर पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीणा ने कहा कि, सुरक्षाकर्मी सतर्क और सजग रहकर ड्यूटी करें। हम लोग एक रूट मार्च फूट पेट्रोलिंग भी कर रहे हैं ताकि आम जनता में विश्वास बने। यहां पर्याप्त पुलिस बल तैनात है।
कानपुर हिंसा अचानक भड़की
पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने कहाकि, जिला प्रशासन से वार्ता के बाद कानपुर बंद का ऐलान करने वाले संगठन ने अपने बंद को वापस ले लिया था, लेकिन हिंसा अचानक भड़की।
हयात जफर हाशमी की तलाश
कानपुर बंद को एमएमए जौहर फैन्स एसोसिएशन अध्यक्ष हयात जफर हाशमी सहित कुछ स्थानीय नेताओं ने बुलाया था। कानपुर हिंसा मामले में तीन एफआईआर की गई है। मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी अभी भी फरार है। हयात के कनेक्शन पीएफआइ से भी जुड़े होने की जानकारी मिली है। सूफी खानकाह एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूफी कैसर हसन मजीदी ने कहाकि, शुक्रवार को हुए बवाल में पीएफआइ कनेक्शन हो सकता है। इसलिए सरकार से उच्चस्तरीय जांच कराए।
Published on:
04 Jun 2022 11:58 am
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