12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

इस ऐप की बदौलत अब छापेमारी में विजिलेंस की टीम नहीं कर पाएगी सेटिंग

बिजली विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए अब तकनीक का सहारा लिया जा रहा है. उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने एक ऐप तैयार किया है.

2 min read
Google source verification
kanpur

इस ऐप की बदौलत अब छापेमारी में विजिलेंस की टीम नहीं कर पाएगी सेटिंग

कानपुर। बिजली विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए अब तकनीक का सहारा लिया जा रहा है. उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने एक ऐप तैयार किया है. इस ऐप की मदद से विजिलेंस टीम की पूरी मॉनिटरिंग की जा सकेगी. यूपीपीसीएल ऐप विभागीय तौर पर कार्य करेगा. इस ऐप से विजिलेंस के दरोगा से लेकर डीआईजी के साथ शासन और प्रशासन के भी अधिकारियों को जोड़ा गया है. शहर में बिजली चोरी को रोकने और अन्य मामलों में विजिलेंस टीम लगातार छापेमारी करती रहती है. कई मामलों में टीमों के द्वारा सेटिंग-गेटिंग कर बिना कार्रवाई के ही छोड़ दिया जाता है. इस एप से किए जाने वाले इस भ्रष्टाचार पर पूरी रोक लग जाएगी.

ऐसे होगा काम
अभी तक विजिलेंस टीम रोजाना कार्रवाई की डिटेल वेब पोर्टल पर उपलब्ध कराती थी. इसमें सेटिंग-गेटिंग की पूरी संभावना रहती थी, लेकिन अब ऐप के माध्यम से मोबाइल से मौके पर ही विजिलेंस की टीम को पूरी जानकारी उपलब्ध करानी होगी. छापेमारी के दौरान वीडियो और फोटो क्लिक कर ऐप पर अपलोड करनी होगी. यहां तक कि क्या डॉक्यूमेंट उपलब्ध कराए गए, वह भी अपलोड करने होंगे. इसके साथ ही लोकेशन भी चेक की जाएगी. इस ऐप में केस्को एमडी, विजिलेंस के दरोगा, सीओ, इंस्पेक्टर, एडिशनल एसपी, डीआईजी, स्थानीय मंडल स्तर के अधिकारी, प्रवर्तन और प्रशासनिक स्तर के अधिकारी भी शामिल रहेंगे. इससे सेटिंग-गेटिंग का कोई ऑप्शन नहीं रहेगा.

एक नजर आंकड़ों पर

- 5 लाख 90 हजार कनेक्शन शहर में.

- 225 छापे विजिलेंस टीम ने मारे.

- 0 एफआईआर दर्ज की गई अभी तक.

- 58 लोगों ने जमा नहीं किया असेस्मेंट.

- 1 महीने में 75 चोरी के मामले पकड़े गए.

- 2 टीमें विजिलेंस की टीमें शहर में

- 1 एएसपी रखते हैं टीमों पर नजर.

ऐसा कहते हैं अधिकारी
केस्‍को के डायरेक्‍टर टेक्‍निकल आरएस यादव बताते हैं कि विजिलेंस टीम को छापेमारी की पूरी जानकारी मौके से ही एप पर अपलोड करनी होगी. इससे संबंधित सभी अधिकारियों को छापेमारी की सूचना मिल जाएगी.