
उत्तर प्रदेश नाजूल संपत्ति विधेयक 2024 (UP Nazul Property Bill 2024) को लेकर विरोध के स्वर उठ रहे हैं। सत्ता पक्ष के विधायक के साथ सहयोगी पार्टी भी इसे गैर जरूरी बात रही है। केंद्रीय मंत्री और अपना दल 'एस' की अध्यक्षा अनुप्रिया पटेल ने एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि इस बिल को बिना विचार विमर्श के लाया गया है। यह विधेयक न सिर्फ गैर जरूरी है बल्कि आम जनमानस की भावनाओं के विपरीत है। उत्तर प्रदेश सरकार को इस विधेयक को तत्काल वापस ले लेना चाहिए। भाजपा विधायकों ने भी बिल का विरोध किया है। प्रदेश अध्यक्ष ने इसे प्रवर समिति को सौंप दिया है।
UP Nazul Property Bill 2024 केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने एक्स पोस्ट में लिखा कि नजूल भूमि संबंधी विधेयक विमर्श के लिए विधान परिषद की प्रवर समिति को भेज दिया गया है। जो बिना विचार विमर्श के लाया गया था। यह विधेयक गैर जरूरी है। आम जन मानस की भावनाओं के विपरीत है। सरकार इस विधेयक को तत्काल वापस ले ले। जिन अधिकारियों ने गुमराह किया है। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने इस विधेयक को सदन में पेश किया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि जनहित में इस विधेयक को लाने की जरूरत पड़ी है। सरकार को विकास कार्यों के लिए जमीन की जरूरत पड़ती है। जिसके लिए नजूल की जमीन का इस्तेमाल किया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति 2024 के खिलाफ भाजपा के अंदर भी विरोध के सुर उठ रहे हैं। विधायक हर्षवर्धन बाजपेई ने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी लोगों को आवास देने का काम कर रहे हैं। दूसरी तरफ 75 से 100 वर्षों से रह रहे लोगों के घरों को गिराने का विधेयक आ रहा है। सिद्धार्थ नाथ सिंह ने भी विधेयक का विरोध किया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने इसे प्रवर समिति के पास भेजने का प्रस्ताव किया है।
Published on:
02 Aug 2024 11:41 am
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