दरअसल, फतेहपुर जिले के निवासी जय सिंह ने अपनी बाइक चोरी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। रिपोर्ट शमीम और अकबर थाना क्षेत्र के अफताब के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। लेकिन अकबरपुर थाना क्षेत्र के दरोगा राजेश यादव की विवेचना में झोल होने के कारण मामला सुर्खियों पर आ गया। विवेचना में न केवल अपना कारगुजारियों को बता दिया बल्कि अतिशयोक्ति भी पता चल रही है। ऐसे में थाना चला रहे दरोगा जी के थाना क्षेत्र का भी अंदाजा लगाया जा सकता है।
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क्या बंद हो चुके इस Bank में था आपका अकाउंट, RBI के निर्देश पर ऐसे मिलेगी जमा धनराशि जानिए विवेचना में क्या लिखा दरोगा ने अपनी विवेचना में बताया कि वह वाहन चोरी के दर्ज मुकदमें के संबंध में आरोपी आफताब के घर गए थे और उन्होंने बयान भी दर्ज किया था। जबकि असलियत यह है कि आफताब उन्नाव जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। दूसरे आरोपी शमीम के बारे दारोगा ने लिखा कि उन्होंने आरोपी को थाने में बुलाकर बयान दर्ज करवाया, लेकिन असल में शमीम काफी समय से फरार चल रहा है। यहां तक 25 हजार रुपए का इनामी है।
शमीम पर 20 से अधिक दर्ज हैं मुकदमें मालूम हो कि थाने के अपराधियों की हिट लिस्ट में शामिल शमीम पर पुलिस ने 25 हजार का इनाम घोषित किया हुआ है। शमीम पर संगीन जुर्मों के करीब 20 मुकदमें दर्ज हैं। इस मामले में बात यहीं ख़त्म नहीं हुई, हद तो तब हो गई जब दारोगा राजेश यादव की विवेचना पर अकबरपुर थाने के कोतवाल विनोद पांडे ने भी अपनी सहमति देकर मुहर लगा दी। खुलासा होने पर कानपुर पुलिस सवालों के घेरे में है बल्कि अब यह संदेह न जाने कितने मामले ऐसे होंगे।
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इंस्पेक्टर साहब को अब होटल नहीं सरकारी या किराये के घर पर रहना होगा, जानिए मुख्यमंत्री ने क्या जारी किए आदेश क्षेत्राधिकारी करेंगे जांच इस पूरे मामले में अकबरपुर क्षेत्राधिकारी प्रभात कुमार का कहना है यह मामला उनके संज्ञान में आया है। इस पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक के आदेशानुसार क्षेत्राधिकारी स्तर के अधिकारी से जांच कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद दरोगा समेत कोतवाल पर कार्रवाई की जाएगी।