दरअसल बुधवार रात साढ़े दस बजे कानपुर के बिठूर रोड पर तीन पुलिस वालों द्वारा ट्रकों और दुकानदारों से वसूली करने की सूचना पुलिस आयुक्त असीम अरुण को मिली थी। इसकी जांच के लिए पुलिस आयुक्त ने निर्देश दिए। पुलिस के पहुंचते ही वसूली कर रहे तीन लोग स्कार्पियो से भागने लगे। पुलिस ने पीछा कर उन्हे स्वरूपनगर में धर दबोचा। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि तीनों पुलिस की वर्दी पहनकर वसूली कर रहे थे। इनमें से एक कानपुर देहात के मुरीदपुर निवासी लोकेंद्र यादव, दूसरा आजादनगर निवासी गगन तिवारी और तीसरे की पहचान मौनीघाट के आयुष अग्निहोत्री के रूप में हुई। पुलिस ने गुरुवार को तीनों को अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
इस मामले में पुलिस की जांच में सामने आया कि गगन तिवारी गैंगस्टर विकास दुबे का सगा भांजा है। बताया गया कि विकास दुबे की बहन रेखा की शादी शिवराजपुर थानाक्षेत्र के रामपुर सखरेजा गांव में हुई थी। बहनोई कमलेश तिवारी की 2017 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कमलेश के दो बेटे गगन और अमन हैं। घटना के दौरान जो स्कार्पियो गगन के पास से बरामद हुई है, वह भी कमलेश तिवारी के नाम से ही है। विकास दुबे का अपने चचेरे भाई अनुराग से विवाद हुआ था। आरोप है कि जब विकास लखनऊ जेल में था, उस वक्त उसने कल्याणपुर क्षेत्र में अनुराग पर जानलेवा हमला करा दिया। बताया जाता है कि इस हमले में विकास के भांजे गगन तिवारी और अमन तिवारी दोनों शामिल थे। पुलिस वर्ष 2018 में हुए इस हमले के रिकार्ड खंगाल रही है।r