
छतों की सभाओं से हिण्डौन को जानते थे अटलजी
दो बार आए थे शहर में
हिण्डौनसिटी. भारतीय राजनीति के पुरोधा पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी हिण्डौन को छतों पर सभा आयोजन का शहर के रूप में जानते थे। समकालीन लोग उनसे मिलने जाते तो वे ठहाका लगाकर पूछते, वही हिण्डौन जहां छतों पर सभाएं होती हंै। जनसंघ के कार्यक्रमों में अटलजी हिण्डौन के कार्यकर्ताओं के बीच चुटकी लेते कि मैदानों में सभाएं बहुत की हैं, लेकिन छतों पर सभा हिण्डौन में ही की है। गौरतलब है कि दशकों पहले चुनावी सभाएं पुरानी मंडी में मुरलीधरजी मंदिर के सामने रात में दुकानों की छतों पर होती थीं। अटलजी दो बार चुनावी सभा के सिलसिले में हिण्डौन आए थे।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संंघ
के विभाग संघ चालक रहे जगदीश मोदी ने बताया कि साठ के दशक में वर्ष १९६२ में अटलजी जनसंघ के प्रचारक के रूप में हिण्डौन आए। खुले स्थान को पीछे छोड़ अटलजी को सीढिय़ां चढ़ सभा स्थल पर लाया गया। तो वे बोले छतों पर सभा। उन्होंने मोदी और आरएसएस के क्षेत्रीय संघ चालक रहे ओमप्रकाश आर्य से चुटकी ली कि मैदानों में सभा बहुत की हैं, छतों पर सभा का अनूठा शहर है। उस दौरान अटलजी भायलापुरा में ओमप्रकाश आर्य के मकान पर रुके थे। पुरानी घटनाओं को स्मरण कर मोदी ने बताया कि १९६५ में लखनऊ में जनसंघ के अधिवेशन में हिण्डौन से गए कार्यकर्ता अटलजी से मिले तो उन्होंने छतों की सभा वाला शहर कर सभी को हंसा दिया।अटलजी को सुनने भीड़ ने किया छह घंटे इंतजार
लोगों में अटलजी को सुनने का एक जुनून था। वर्ष १९९१ में लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सांसद कुंजीलाल मीणा की सभा में अटल जी ने डेम्परोड पर रात साढ़े १० बजे सभा संबोधित की। वर्तमान में बामनवास विधायक कुंजीलाल मीणा व तत्कालीन मण्डल अध्यक्ष नीरज चतुर्वेदी ने बताया कि सभा शाम चार बजे होनी थी, लेकिन डेम्परोड से थाने तक सडक़ पर बैठे हजारों लोगों ने उनका आने का इंतजार किया और संबोधन भी सुना। चतुर्वेदी व उस दौरान मंच संचालन कर रहे अनिल गोयल ने बताया कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे वाजपेयी ने सभा गठबंधन के शुरुआती दौर में तंज कसा कि सत्तापक्ष सत्ता में काबिज रहने के लिए खिचड़ी पका रहा है अब हम खीर बनाएंगे। यह सुन सभा में हंसी फूट पड़ी।
Published on:
17 Aug 2018 10:10 pm
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