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करौली डिपो के लिए दलगत राजनीति से ऊपर उठकर हों सामूहिक प्रयास

पत्रिका टॉक-शो में बोले लोग क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि सरकार स्तर पर करें प्रभावी पहलकरौली डिपो का हो स्वतंत्र संचालन

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करौली डिपो के लिए दलगत राजनीति से ऊपर उठकर हों सामूहिक प्रयास

करौली डिपो के लिए दलगत राजनीति से ऊपर उठकर हों सामूहिक प्रयास

करौली. जिला मुख्यालय अभी तक ना रेल से जुड़ा और ना ही रोडवेज डिपो का स्वतंत्र संचालन हो सका है। इसके लिए ना केवल जनप्रतिनिधियों की प्रबल इच्छाशक्ति का अभाव रहा है, बल्कि सामूहिक प्रयासों की भी कमी रही है। अभी भी करौली रोडवेज डिपो हिण्डौन आगार के अधीन संचालित है, जिसको मूर्तरूप दिलाकर स्वतंत्र संचालन के लिए सामूहिक प्रयासों की दरकार है। यह विचार राजस्थान पत्रिका की ओर से यहां आयोजित टॉक-शो में कांग्रेस-भाजपा पदाधिकारियों के साथ प्रबुद्धजनों ने रखे।

उन्होंने करौली के रोडवेज डिपो के स्वतंत्र संचालन को लेकर पत्रिका द्वारा चलाई जा रही मुहिम की सराहना करते हुए एकजुटता से प्रयास कर राज्य सरकार तक पुरजोर तरीके से इस मांग को पहुंचाने पर जोर दिया।
चर्चा में राजस्थान पेंशनर्स मंच के जिलाध्यक्ष दिनेशचन्द चतुर्वेदी ने कहा कि करौली के लिए यह अफसोसजनक स्थिति है कि डिपो 2010-11 में स्वीकृत होते हुए भी एक दशक बाद भी इसका स्वतंत्र संचालन नहीं हो रहा है। इसके लिए उन्होंने राजनीतिक इच्छाशक्ति को कमजोर बताते हुए इस मुद्दे को सरकार स्तर पर पहुंचाने के लिए क्षेत्रीय विधायक के साथ आमजन के सामूहिक प्रयासों की जरुरत बताई।
इसी क्रम में कांग्रेस के पूर्व जिला उपाध्यक्ष भूपेन्द्र भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस सरकार की ओर से करौली में रोडवेज डिपो स्वीकृत किया गया। बिल्डिंग बनाकर यहां के लिए बसें भी आवंटित की गईं। वे बोले कि डिपो का उद्घाटन भी हो गया, लेकिन उसके बाद भाजपा शासन में इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। नतीजतन डिपो का स्वतंत्र संचालन नहीं हो सका।

भाजपा के जिला महामंत्री धीरेन्द्र बैंसला ने कहा कि करौली सहित जिले के चारों विधायक सत्ता में हैं। फिर भी करौली डिपो का हिण्डौन डिपो के अधीन संचालन होना विडबंना की बात है। इसके लिए विधायक को प्रयास करने चाहिए। बैंसला बोले कि आमजन के हित के इस मुद्दे पर वे जनता के साथ हैं और डिपो को शुरू कराने के लिए हरस्तर पर प्रयास करेंगे।

समाजसेवी बबलू शुक्ला ने कहा कि यह आमजन के हित का बड़ा मुद्दा है, इसके लिए दलगत राजनीति से ऊपर उठकर प्रयास किए जाने चाहिए। सत्ताधारी दल के विधायक हैं, ऐसे में प्रयास किए जाएं तो डिपो शीघ्र शुरू हो सकता है। उन्होंने मांग की कि इस संबंध में मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री को अवगत कराया जाना चाहिए।
बाल कल्याण समिति के सदस्य अनिल शर्मा ने कहा कि डिपो स्वीकृत होने के बाद भी इसका संचालन नहीं होना दुख की बात है। इसके लिए सभी को एकजुट होकर सरकार स्तर पर प्रयास करने की जरुरत है। इसके लिए जनप्रतिनिधियों को आगे आना चाहिए।

इसी क्रम में भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी मुकेश सालौत्री ने कहा कि डिपो का स्वतंत्र संचालन तो नहीं हुआ, बल्कि पिछले महिनों में यहां से डीजल टैंक हटा दिया। धीरे-धीरे व्यवस्थाएं समेट दी गई हैं। ऐसे में लगता ही नहीं है कि जिला मुख्यालय का बस स्टैण्ड है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को इस पर ध्यान देना चाहिए। भाजपा की ओर से 9 जुलाई को जिला कलक्टर को ज्ञापन भी सौंपा जाएगा।

एनजीओ के अरविन्द राय बोले कि जनप्रतिनिधियों को जनता की यह महत्वपूर्ण मांग सरकार स्तर पर उठाई जानी चाहिए। डिपो करौली की जरुरत है। वे बोले कि जब करौली डिपो अच्छी राजस्व आय अर्जित कर रहा है तो इसका स्वतंत्र संचालन शुरू हो। इसके लिए पार्टी से उठकर सभी को मिलकर काम करने की जरुरत है।

व्यापारी तुलसीदास फरैटिया, बाल कल्याण समिति के सदस्य फजले अहमद ने कहा कि क्षेत्रीय विधायक सत्ता में हैं, ऐसे में वे सरकार स्तर पर प्रभावी प्रयास करें तो डिपो का संचालन शुरू होने से करौली सहित क्षेत्र के लोगों को लाभ मिल सकेगा। इसी क्रम में छात्रनेता धर्म मीना, अग्रवाल युवा समिति के सुमित गर्ग, खेमराज बंसल आदि ने भी विचार व्यक्त किए।