राजस्थान के सपोटरा में वार्ड पंच से सांसद तक का सफर करने वाले रामकुमार मीना का निधन,पैतृक गांव शेखपुरा में अंतिम संस्कार
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राजस्थान के सपोटरा में वार्ड पंच से सांसद तक का सफर करने वाले रामकुमार मीना का निधन,पैतृक गांव शेखपुरा में अंतिम संस्कार
करौली. वार्ड पंच से सांसद तक का सफर करने वाले सवाईमाधोपुर के पूर्व सांसद रामकुमार मीना (९४) का सोमवार को गंगापुर सिटी के रिया हॉस्पीटल में निधन हो गया। मीना का अंतिम संस्कार पैतृक गांव काचरौदा पंचायत के शेखपुरा गांव में किया गया। इस दौरान लोगों ने रामकुमार मीना अमर रहे जैसे नारों से आंसमान गूंज उठा। मीना काफी समय से बीमार थे। हॉस्पीटल के निदेशक डॉ. महेन्द्र मीना ने बताया कि पूर्व सांसद की तबीयत खराब होने पर नौ दिन पहले भर्ती कराया था, जिनका निधन १२ बजकर ३० मिनट पर हो गया। मीना के निधन की सूचना पर सैकड़ों की संख्या में लोग हॉस्पीटल पहुंचे तथा स्टॉफ ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। मीना के पांच पुत्र थे, जिनमें से एक की मौत हो गई है। अब चार पुत्र व दो बेटी का भरा-पूरा परिवार है।
दो बार विधायक-दो बार सांसद रहे
रामकुमार मीना करौली व सवाईमाधोपुर जिले के कद्दावार नेता थे। मीना १९५८ में पहली बार काचरौदा पंचायत के वार्ड पंच बने थे। इसके बाद १९६२ में सरपंच, १९६७ में सपोटरा पंचायत समिति के उपप्रधान बने थे। १९६७ में सपोटरा विधानसभा क्षेत्र से जनसंघ पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लडक़र विधायक निर्वाचित हुए थे। फिर १९७२ में कांग्रेस के टिकट से विधायक बने थे। इसके बाद १९८० व १९८४ में सवाईमाधोपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद बनकर दिल्ली पहुंचे थे। १९८९ में लोकसभा चुनाव में भाजपा के डॉ. किरोड़ीलाल मीना से हार गए थे।
सुखाडिया सरकार को समर्थन देकर आए थे चर्चा में
१९६७ में रामकुमार ने जनसंघ पार्टी से विधायक निर्वाचित हुए थे, उस दौरान कांग्रेस की मोहनलाल सुखाडिय़ा सरकार को समर्थन देकर चर्चा में आए थे। बाद में मीना कांग्रेस मे ही शामिल हो गए। पूर्व सांसद सहज व सरल स्वभाव के थे। आम लोग व कार्यकर्ताओं से आत्मीय लगाव रखते थे।
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