
24 वर्ष बाद होगा एक हजार वर्ष प्राचीन भगवान महावीर की प्रतिमा का महामस्तकाभिषेक
24 वर्ष बाद होगा एक हजार वर्ष प्राचीन भगवान महावीर की प्रतिमा का महामस्तकाभिषेक
24 नवंबर से 4 दिसंबर के बीच होगा आयोजन
पंच कल्याण महोत्सव कार्यक्रम भी निर्धारित
करौली जिले में श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीर जी में भूगर्भ से प्रगटित एक हजार वर्ष प्राचीन भगवान महावीर की मूलनायक प्रतिमा का 24 वर्ष बाद महामस्तकाभिषेक 24 नवंबर से 4 दिसंबर के मध्य आयोजित होगा।
इसकी विधिवत घोषणा शनिवार को महामस्तकाभिषेक महोत्सव समिति के अध्यक्ष सुधांशु कासलीवाल, कार्याध्यक्ष विवेक काला, संयोजक सुरेश सबलावत, संयोजक राकेश सेठी, कोषाध्यक्ष उमराव संघी, पंचकल्याण अध्यक्ष राजकुमार कोठारी, प्रतिष्ठा आचार्य पंडित हंसमुख शास्त्री ने मूलनायक प्रतिमा के समक्ष की।
महामस्तकाभिषेक महोत्सव समिति के अध्यक्ष सुधांशु कासलीवाल ने बताया कि जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान श्री महावीर स्वामी का महामस्तकाभिषेक महोत्सव 24 वर्ष बाद आयोजित हो रहा है। इसलिए महोत्सव 24 तारीख से ही रखा गया है।
इस आयोजन के तहत 24 नवंबर से 28 नवंबर तक पंचकल्याण महोत्सव का कार्यक्रम भी निर्धारित किया गया है। जबकि 28 नवंबर से 4 दिसंबर तक महामस्तकाभिषेक का आयोजन होगा। श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र के प्रबंधक नेमी कुमार पाटनी, पंडित मुकेश जैन शास्त्री ने बताया कि महोत्सव के दौरान सामाजिक कल्याण के विभिन्न कार्य, सम्मेलन, संगोष्ठियां भी होंगी।
महोत्सव की तैयारियां शुरू -
इस राष्ट्रीय महोत्सव को ऐतिहासिक रूप देने के लिए प्रबंध कारिणी कमेटी ने तैयारियां शुरू कर दी है । क्षेत्र में निर्माण कार्य, सड़क, बिजली, पानी के कार्य इस आयोजन के मद्देनजर शुरू कर दिए गए हैं। प्रबंधकारिणी कमेटी तैयारियों की नियमित समीक्षा करेगी।
आचार्य वर्धमान सागर रहेंगे उपस्थित
24 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक होने वाले महामस्तकाभिषेक महोत्सव में 24 से 28 नवंबर के दौरान पंचकल्याण प्रतिष्ठा महोत्सव आयोजित होगा। इसमें भगवान महावीर की 24 फीट ऊंची निर्माणाधीन खड्गासन प्रतिमा विराजमान की जाएगी। प्रतिमा के पंचकल्याण के साथ अन्य प्रतिमाओं का भी पंचकल्याण वर्धमान सागर के सानिध्य में संपन्न होगा ।
आठ दिवसीय होगा कलशाभिषेक
आयोजन के दौरान अभिषेक 27 नवंबर से शुरू होंगे। अभिषेक के प्रथम मुख्य कलश आदि होंगे और सौधर्म इंद्र आदि के तथा अन्य कलश संपन्न होंगे। द्वितीय दिन पंचकल्याण के इन्द्रादि द्वारा एवं अन्य कलश होंगे। तृतीय दिन समस्त समाज जनों द्वारा कलशाभिषेक किए जाएंगे, जो 4 दिसंबर तक चलेंगे। लगभग 10 प्रकार के अलग-अलग कलश प्रतिदिन होंगे। प्रतिदिन विशेष शांतिधारा आयोजित होगी। प्रतिमा की सुरक्षा तथा श्रद्धालुओं की भावना का ध्यान रखते हुए अभिषेक महोत्सव 8 दिन का निर्धारित किया गया है।
मुख्यमंत्री गहलोत होंगे शिरोमणि संरक्षक
करौली जिले के प्रसिद्ध तीर्थ क्षेत्र श्रीमहावीरजी में आयोजित होने वाले महामस्तकाभिषेक आयोजन में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शिरोमणि संरक्षक के रूप में भूमिका निभाएंगे। कमेटी के आग्रह पर उन्होंने शिरोमणि संरक्षण का पद ग्रहण करने की स्वीकृति प्रदान की है। साथ ही उन्होंने राज्य स्तर पर एक समन्वयक समिति बनाने की भी घोषणा की है। इसमें काफी कार्य भी आगे बढ़ चुका है और उस समिति का संचालन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद करेंगे ।
Published on:
27 Mar 2022 11:48 am
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