
मनरेगा: कागजों में चल रही योजना, कहीं कार्य बंद तो कहीं अधूरे
कागजों में चल रही मनरेगा योजना, कहीं कार्य कहीं बंद तो कहीं अधूरे निसूरा. केन्द्र सरकार ने गांवों में बेरोजगार गरीब लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा योजना संचालित कर रखी है, लेकिन धरातल पर योजना का समुचित लाभ नहीं मिल रहा। कई जगह योजना कागजों में ही चल रही है। कहीं कार्यस्थलों पर श्रमिक नहीं मिलते। पत्रिका ने मनरेगा कार्यों की पड़ताल तो ऐसे ही मामले सामने आए। ग्राम पंचायत बालघाट के बदलेटा गांव में चल रहा मनरेगा कार्य सार्वजनिक तलाई खुदाई जाटव बस्ती के पास बदलेटा और चारागाह विकास कार्य बदलेटा पर 70 -70 श्रमिक पंजीकृत है, लेकिन कार्यस्थल पर कोई श्रमिक नहीं मिलते। इसी तरह ग्राम पंचायत भोपुर में चल रहे नरेगा कार्य मॉडल तालाब एनीकट के पास मनरेगा कार्य पर पंजीकृत 70 श्रमिकों में से एक भी श्रमिक कार्य स्थल पर नहीं मिला। ग्राम पंचायत में ग्राम विकास अधिकारी, कनिष्ठ सहायक, रोजगार सहायक सहित 5 कार्मिक लगे हुए हंै। लेकिन कोई मनरेगा कार्यों की जांच नहीं करता। जबकि नियमानुसार मस्टरोल पखवाडे में दो दिन ग्राम विकास अधिकारी व दो दिन कनिष्ठ तकनीकी सहायक सहित एलडीसी व रोजगार सहायक को मनरेगा कार्य की जांच करनी होती है। वहीं श्रमिक के लगातार तीन दिन अनुपस्थित रहने पर मस्टरोल से नाम काट दिया जाता हैं। लेकिन यहां कोई ध्यान नहीं दे रहा। इधर ग्रामीणों का आरोप है कि मनरेगा कार्यों में श्रमिक कार्य नहीं करते और उनकी हाजिरी लगा दी जाती है वहीं मशीनों से कार्य कराया जाता है। इनका कहना है मनरेगा कार्यों की जांच की जा रही है। कार्यों में अनियमितता मिलने पर संबंधित ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हरबल मीणा, कार्यवाहक विकास अधिकारी, टोडाभीम फोटो केप्शन. निसूरा. बदलेटा गांव में श्रमिकों की दर्ज की गई ऑनलाइन उपस्थिति।
Published on:
08 Dec 2023 12:23 pm
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