29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

करौली की नन्दिनी आरजेएस में चयनित, बिना कोचिंग पाई सफलता

करौली की नन्दिनी आरजेएस में चयनितबिना कोचिंग पाई सफलता करौली। राजस्थान यूनिवर्सिटी से एलएलबी टॉप करके गोल्ड मैडल प्राप्त करने वाली नन्दिनी शर्मा का राजस्थान न्यायिक सेवा में चयन हुआ है। मंगलवार को घोषित परिणाम में कुल 120 चयनित अभ्यार्थियों में से नन्दिनी ने 29 वीं रैंक हासिल की। शहर के प्रतिष्ठित एडवोकेट नवल किशोर शर्मा की पुत्री नन्दिनी शुरू से प्रतिभावान छात्रा रही।

less than 1 minute read
Google source verification
करौली की नन्दिनी आरजेएस में चयनित, बिना कोचिंग पाई सफलता

करौली की नन्दिनी आरजेएस में चयनित, बिना कोचिंग पाई सफलता

करौली की नन्दिनी आरजेएस में चयनित
बिना कोचिंग पाई सफलता


करौली। राजस्थान यूनिवर्सिटी से एलएलबी टॉप करके गोल्ड मैडल प्राप्त करने वाली नन्दिनी शर्मा का राजस्थान न्यायिक सेवा में चयन हुआ है। मंगलवार को घोषित परिणाम में कुल 120 चयनित अभ्यार्थियों में से नन्दिनी ने 29 वीं रैंक हासिल की। शहर के प्रतिष्ठित एडवोकेट नवल किशोर शर्मा की पुत्री नन्दिनी शुरू से प्रतिभावान छात्रा रही। उसने विधि स्नातक में राजस्थान यूनिवर्सिटी को टॉप किया। इसके बाद भारत की सबसे प्रतिष्ठित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी बेंगलूर से एलएलएम में टॉप रही। वर्तमान में वह यूजीसी की ओर से आयोजित नेट परीक्षा को क्वालीफाई करके ओ.पी जिन्दल ग्लोबल यूनिवर्सिटी सोनीपत में विधि प्रोफेसर नियुक्त है।खास बात यह है कि नन्दिनी बिना किसी कोचिंग के स्वयं अपने बूते अध्ययन करके सफलता अर्जित करती रही है। नन्दिनी ने कहा कि सफलता के लिए कड़ी मेहनत के साथ आत्मविश्वास भी मजबूत होना चाहिए। उसने अपनी इस उपलब्धि को अपने दिवंगत बाबा गोविन्द शर्मा (खादी वाले) के लिए समर्पित किया है, जो बचपन से उसे आगे बढऩे के लिए प्रोत्साहित करते रहते थे।
नन्दिनी की सफलता को लेकर घर-परिवार में खुशी का माहौल है। नवल किशोर के घर पर बधाई देने का तांता लगा हुआ है और मिठाई बांटी जा रही है।
करौली में एक बालिका की इस तरह की पहली बार उपलब्धि हासिल हुई है। नवल किशोर ने बताया कि उन्होंने बिना किसी भेदभाव के बेटी की पढ़ाई पर पूरा ध्यान दिया और हर संभव शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराई। उसने कभी कोचिंग की नहीं बोला और स्वयं के अध्ययन पर यकीन रखा।