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अब राजस्थान की प्रत्येक ग्राम पंचायत में होगा ऐसा बड़ा काम, सभी कलक्टरों को मिल गया आदेश

Gram Panchayat of Rajasthan: राजस्थान सरकार ने आगामी पांच वर्षों में प्रदेश में 50 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसी के मद्देनजर पंचायत पौधशाला स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।

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Gram Panchayat in Rajasthan

karauli News: राजस्थान को हरा-भरा बनाने के लिए अब प्रत्येक पंचायत में पंचायत पौधशालाएं विकसित की जाएंगी। ग्राम पंचायतें भी अपने स्तर पर पौधशालाएं विकसित कर हरियाली को बढ़ावा देने में अपना सहयोग करेंगी। इसके लिए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की ओर से कवायद शुरू करते हुए प्रदेश के सभी जिला कलक्टरों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री वृक्षारोपण महाअभियान मानसून 2024 की तर्ज पर महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत वृक्षारोपण के कार्यों को प्राथमिकता से किया जाना तय किया गया है। इसके तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में भूमि उपलब्धता एवं आवश्यकतानुसार आगामी मानसून में संभावित वृक्षारोपण के लिए पौधशाला तैयार होंगी।

इसके लिए करौली जिले की सभी ग्राम पंचायतों में पंचायत पौधशाला विकसित करने के लिए कवायद चल रही है। सूत्रों के अनुसार पौधशाला के लिए जिला स्तर से पंचायत पौधशाला विकास कार्यों की स्वीकृति भी जारी हो चुकी है। आगामी मानसून से पहले पंचायत पौधशालाओं को विकसित करने की तैयारी है।

नोडल अधिकारी किए नियुक्त

पंचायत पौधशाला विकसित करने के लिए नोडल अधिकारियों की भी नियुक्ति की गई है। इसके अनुसार ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम विकास अधिकारी, ब्लॉक स्तर पर सहायक अभियंता ईजीएस, जिला स्तर पर अधिशासी अभियंता ईजीएस तथा राज्य स्तर पर अधीक्षण अभियंता ईजीएस मुयालय को नोडल अधिकारी बनाया गया है।

बनेगा बीज बैंक

अलग-अलग प्रकार के पौधे अलग-अलग प्रकार से तैयार होते हैं, जिनमें कुछ बीज रूप में या कुछ कलम के रूप में तैयार होंगे। इसमें एक बीज बैंक भी बनाया जा सकता है। जहां लोग फलों के उपयोग के बाद उसकी गुठली या बीज को दान के रूप में वहां दे सकें। विभाग का मानना है कि आम तौर पर आम, जामुन, पपीता आदि के बहुमूल्य बीज प्रचुर मात्रा में अनुपयोगी वेस्ट बनकर चले जाते हैं। इनका उपयोग सरल रूप में पौध विकास में किया जा सकता है।

पौधशाला में 5 हजार पौधे होंगे तैयार

राजस्थान सरकार ने आगामी पांच वर्षों में प्रदेश में 50 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसी के मद्देनजर पंचायत पौधशाला स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। योजना के अन्तर्गत एक ग्राम पंचायत में कम से कम 5 हजार पौधों की पंचायत पौधशाला तैयार होगी। इन पंचायत पौधशालाओं के लिए ग्राम सभाओं में अनुमोदन किया गया। लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए क्षेत्र विशेष की परिस्थितियों के अनुसार पौधे तैयार होंगे।

ये होंगे मापदण्ड

पंचायत पौधशाला स्थापित किए जाने के लिए न्यूनतम 200 वर्गमीटर स्थान होना जरुरी है। पंचायत पौधशाला की उचित देखरेख हो सके, इसके लिए ग्राम पंचायत के समीप ही पौधशाला विकसित की जाएगी। वहीं पानी की पर्याप्त व्यवस्था और परिवहन पहुंच की सुगमता का भी ध्यान रखा जाएगा। पौधशाला की सुरक्षा के लिए वायर फेसिंग/सुरक्षा दीवार आदि का भी प्रावधान रखा जाएगा।

तीन वर्ष तक रहेंगे पौधे

पंचायत पौधशाला तैयार करते समय पौधशाला में पौधे की आयु और ऊंचाई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। ताकि पौधशाला में पौधे न्यूनतम 3 वर्ष तक रहें। भारत सरकार की ओर से निर्धारित दिशा-निर्देशों में योजनान्तर्गत समुचित लबाई के पौधे तैयार करने के लिए नर्सरी विकास कार्य न्यनूतम 3 वर्ष के लिए स्वीकृत किए जाने का प्रावधान रखा गया है।

पंचायत पौधशाला में समुचित मानव संसाधन का नियोजन भी आवश्यक होगा। इसमें नरेगा से नियमित रूप से न्यूनतम एक मजदूर का नियोजन किया जा सकता है। जहां पर पौधशाला का आकार बड़ा है वहां की निगरानी व देखभाल के लिए इससे अधिक श्रमिकों भी नियोजन होगा। वहीं चौकीदार की भी व्यवस्था होगी।

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इनका कहना है

महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत ग्राम पंचायतों में पंचायत पौधशाला विकसित की जाएंगी। इसके लिए विभाग के उच्च स्तर से दिशा-निर्देश प्राप्त हो गए हैं। जिले की सभी ग्राम पंचायतों में पंचायत पौधशाला बनाने के लिए तैयारी की जा रही है। सभी पंचायतों में पौधशालाओं के लिए स्वीकृति जारी हो चुकी है। पौधशाला विकसित होने से हरियाली को बढ़ावा मिलेगा।
चेतराम मीना, अधिशासी अभियंता, मनरेगा, करौली

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