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जोशी मठ के से हाल राजस्थान के इस शहर में भी, मकानों में आ रही दरारें, डर के साये में रहने को मजबूर लोग

The condition of Joshi Math is same in this city of Rajasthan, cracks are coming in the houses, people are forced to live in the shadow of fear.   -मरम्मत के प्रयास भी हो रहे नाकाम -कोर्ट पाड़ा, पाठक पाड़ा क्षेत्र में कई दर्जन मकान प्रभावित

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हिण्डौनसिटी. शहर की पुरानी आबादी क्षेत्र में एक वर्ष पहले गहराए जोशीमठ जैसे खतरे का डर अभी भी बना हुआ है। टीले पर बसेे बड़ी बाखर, कोर्ट पाड़ा व पाठक पाड़ा मोहल्लों में मकानों में दरारें आने का दौर अभी थमा नहीं है। रियासत कालीन बुलंद हवेलियों और पुराने मकानों के साथ अब नए मकान भी मिट्टी में धंसाव की जद में आने लगे हैं। फर्श, दीवार और छतों में आई बारीक दरारों के आगे बढऩे से लोग घरों में खतरे के साये में बसर कर रहे हैं। मरम्मत के प्रयास नाकाम होने पर कई लोगों ने मकान क्षतिग्रस्त हिस्सों को गिरवा दिया, लेकिन दरारें आने सिलसिला जारी है।
पुरानी कचहरी स्थित कोर्ट पड़ा निवासी निवासी सेवानिवृत प्रधानाचार्य चरणसिंह गुर्जर ने बताया कि वर्ष 2021 के जुलाई माह में मकानों में अचानक दरारें बनना शुरू हुआ था। शुरुआत में लोगों ने दीवार के निचले भाग में पत्थरों के जोड़ पर बनी दरारों को गंभीरता से नहीं लिया। लेकिन एक-दो सप्ताह बाद दरारों के चौड़ी होने से दीवारों के पत्थरों के चटकने से लोगों चिंता बढ़ गई। मकानों के फर्श की सतह से शुरू हुई दरारें दो-तीन मंजिला ऊपर छतों तक पहुंच गई। पुराने मकानों के साथ रियासत कालीन मजबूत हवेलियोंं में दीवारों में दरारों के साथ दरबाजे, खिड़की और झरोखों में लगे छज्जे ही चटक गए। ऐसे में मकानों में रह रहे लोगों को चौबीसों घंटे हादसे का डर सताए रहता। कोर्ट पाड़ा निवासी सुमन शर्मा व अनीता जैन ने बताया कि बीते दो महीनों में मकानों की दीवारों में नई दरारें भी दिखने लगी है। जो एक-डेढ़ माह में चौड़ी होने के साथ छत तक पहुंच जाती हैं। पुरानी कचरी निवासी सरोज देवी ने बताया कि बीते वर्ष से दीवारों में दरारें बनने से अपने ही घर में डर लगने लगा है। दीवारों की मरम्मत कराने पर एकाध सप्ताह बाद फिर से दरारें बन जाती हैं।

नए मकानों में भी दरारें-
पाठक पाड़ा गणेश मंदिर के पास के निवासी रफीक खान ने बताया कि कुछ वर्ष पहले निर्मित किए मकान में दिसम्बर माह दरारें बन गई। जो नींव से लेकर छत तक पहुंच गई हंै। वहीं कोर्ट पाड़ा निवासी सद्दाम खान ने बताया कि नए मकान में दीवारों में गई स्थानों पर दरारें बन गई हैं।

हवेली छोड़ पाटोरपोश में आसरा-
चरणसिंह ने बताया कि तीन मंजिला हवेली में 28 कमरें हैं, लेकिन दीवार से लेकर फर्श और छत में बनी बड़ी दरारों से हादसे की आशंका रहती है। आधा दर्जन बार मरम्मत कराने में करीब 3 लाख खर्च करने के बाद भी हवेली सुरक्षित नहीं बन सकी है। ऐसे मेें सुरक्षा की दृष्टि से एक वर्ष से हवेली छोड़ पाटोरपोश में रह रहे हैं।

लोगों का आरोप लीकेजों से हो रहा मिट्टी का धंसाव-
कोर्ट पाड़ा व पाठक पाडा के लोगों का आरोप है कि जलापूर्ति की पाइप लाइन के लीकेज और मरम्मत के लिए खोदे गड्ढों में जलभराव होने से मिट्टी का धंसाव हो रहा है। स्थानीय निवासी चरणसिंह ने बताया कि कोर्ट पाड़ा तिराहे बीते कई वर्ष से लीकेज हैं। बाहर निकलने के साथ पानी जमीन के अंदर मिट्टी को धंसा रहा है।