29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

किन्नरों ने रचाई शादी, लोगों की जुटी भीड़

किन्नरों ने रचाई शादी, लोगों की जुटी भीड़ करौली. यहां किन्नर समाज की ओर से तुलसी-सालिग्राम का विवाह सम्पन्न हुआ। इस आयोजन में प्रदेश के विभिन्न शहरों से आए किन्नर शामिल हुए।आयोजन के तहत नगाडखाना दरवाजे से कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा में किन्नर नाचते-गाते चल रहे थे। वधु पक्ष की भूमिका निभा रही किन्नर हिना बाई सोनिया ने बताया कि विवाह से पहले सुबह 11 बजे तुलसीजी की कलश यात्रा शहर के मुख्य बाजारों से होती हुई थाने के समीप के मैरिज गार्डन विवाह स्थल पहुंची।

less than 1 minute read
Google source verification
किन्नरों ने रचाई शादी, लोगों की जुटी भीड़

किन्नरों ने रचाई शादी, लोगों की जुटी भीड़

किन्नरों ने रचाई शादी, लोगों की जुटी भीड़
किन्नरों की ओर से हुआ तुलसी-सालिग्राम विवाह
करौली. यहां एक मैरिज गार्डन में किन्नर समाज की ओर से तुलसी-सालिग्राम का विवाह आयोजन सम्पन्न हुआ। इस आयोजन में प्रदेश के विभिन्न शहरों से आए किन्नर शामिल हुए।
आयोजन के तहत मंगलवार को सुबह नगाडखाना दरवाजे से कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा में किन्नर नाचते-गाते चल रहे थे। वधु पक्ष की भूमिका निभा रही किन्नर हिना बाई सोनिया ने बताया कि विवाह से पहले सुबह ११ बजे तुलसीजी की कलश यात्रा नगाडखाना दरवाजे से शुरू होकर शहर के मुख्य बाजारों से होती हुई थाने के समीप के मैरिज गार्डन विवाह स्थल पहुंची।

इधर दूसरी ओर सालिग्राम की बरात नूर कॉलोनी हनुमान जी मंदिर से धूमधाम से विवाह स्थल पर पहुंची। सालिग्राम की बरात में मुख्य यजमान पंडित विनोद शर्मा थे। तुलसी जी का विवाह वधु पक्ष किन्नर हिना बाई सोनिया की ओर से कराया गया। इस मौके पर राजस्थान किन्नर अखाड़ा महामंडलेश्वर पुष्पा माई और भरतपुर बयाना अलवर जयपुर मथुरा महुआ हिंडौन गंगापुर दिल्ली आदि स्थानों से किन्नर शामिल होने को आए।
इस तरह का करौली में ये पहला आयोजन था। इस कारण इस आयोजन को देखने काफी संख्या में लोग विवाह स्थल पर पहुंचे। कलश यात्रा और सालिग्राम की बरात निकलने के दौरान बाजारों में भी काफी भीड़ रही। अनेक संगठनों और लोगों ने कलश यात्रा के स्वागत के प्रबंध भी किए।
देर रात तक मैरिज गार्डन में नाच-गाना चलता रहा। बाहर से आए किन्नरों के यहां आवास और ठहराव के प्रबंध भी किए गए थे। रात को खाना भी काफी लोगों का हुआ था। शहरवासियों ने आयोजन में भागीदारी निभाई।