
कासगंज। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री द्वारा वीरता पुरस्कार से सम्मानित एक वीर सैनिक न्याय के लिए अपने ही ग्रह जनपद में दर दर की ठोकरें खा रहा है। आज बुधवार को सैनिक पुलिस अधीक्षक कासगंज पियूष श्रीवास्तव के दरबार में पहुंचा और न्याय की गुहार लगाई। सैनिक का आरोप है कि गांव के ही लोग बालात्कार का झूठा मुकदमा दर्ज कराकर उसकी छवि धूमिल करना चाह रहे हैं।
न्याय के लिए भटक रहा सैनिक
वीरता के लिए मिले पुरस्कार से सजी वर्दी में खड़ा यह वीर सैनिक सहावर कस्बे का सरताज अली है, जो अपनी फरियाद को लेकर एसएसपी से मिलने आया है। सैनिक की मानें तो वह जम्मू के कुपवाड़ा में लाइन ऑफ कंट्रोल पर तैनात है और सरताज अली को उत्कृष्ट कार्यों के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ने भी वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया है, लेकिन सरताज अली अपने अपने ही ग्रह जनपद में न्याय के लिए भटक रहा है।
गांव में भाई से हुआ था विवाद
सैनिक की मानें तो 18 जनवरी को उनके भाई और पड़ोस में रहने वाले फैजान से कहासुनी के बाद झगड़ा हो गया था, जिसको लेकर आरोपियों ने उनके भाई को इतना मारा की वह 15 दिन के लिए कोमा में चला गया। एसपी के हस्तक्षेप के बाद लिखी गयी थाना सहावर में रिपोर्ट के बाद पुलिस ने आरोपियों को जेल भेज दिया था, पर सरताज को कहां मालूम था कि जेल से आते ही दबंग उनके साथ इतना घिनौना खेल खेलेंगे और उन पर व उनके भाई पर बलात्कार का झूठा केस थाना सहावर में न्यायालय के माध्यम से दर्ज करा देंगे, जिसको लेकर वह काफी परेशान है। सरताज अली का कहना है कि जब गांव में विवाद हुआ तब वह अपनी डयूटी पर तैनात था। सरताज अली ने पुलिस पर भी आरोप लगाए हैं। सरताज अली की मानें तो सहावर थाने का एक दरोगा इस मामले मे आरोपियों की पूरी मदद कर रहा है। हालांकि अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. पवित्र मोहन त्रिपाठी ने उन्हें निष्पक्ष जांच पड़ताल कराये जाने का आश्वासन दिया है।
Published on:
11 Apr 2018 08:29 pm
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