29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कौन बनेगी कासगंज शहर की सुल्तान?

मुस्लिम मतदाताओं पर टिका है कासगंज पालिका अध्यक्ष प्रत्याशी का भविष्य, बीजेपी, कांग्रेस, बसपा ने झोंकी पूरी ताकत

3 min read
Google source verification
nikay chunav

nikay chunav

कासगंज। विधान सभा चुनाव में करारी हार के बाद भी कासगंज जिले में समाजवादी पार्टी बगावत के सुर आज भी कम नहीं हैं। नगर निकाय चुनावों के दौरान प्रथम चरण में होने वाले चुनाव में कासगंज नगर पालिका चुनावों में चेयरमैन पद हेतु समाजवादी पार्टी ने मंजू अग्रवाल पत्नी राजेश अग्रवाल के समर्थक लगातार पार्टी प्रत्याशी का साथ छोड़ कर निर्दलीय प्रत्याशी रजनी साहू की ओर पहॅुच रहे हैं। इन सबके बीच सभी दलों की नजर मुस्लिम वोटों पर भी है, क्योंकि कासगंज जिले में मुस्लिम मतदाताओं की अच्छी खासी तादात है। जिस तरफ मुस्लिम वोट अपना समर्थन करेगा, उसी महिला प्रत्याशी के सिर पर चेयरमैन का ताज बंधेगा।

ये हैं प्रत्याशी

कासगंज में प्रथम चरण यानी 22 नवम्बर को मतदान होगा, लेकिन अभी मतदाता खामोश है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से डॉ. शशिलता चौहान, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से राधा माहेश्वरी, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) से सीमा कुशवाह, निर्दलीय प्रत्याशी रजनी साहू और मंजू अग्रवाल मतदाताओं का मन टटोल रही हैं। सबके मन में शहर का सुल्तान बनने की चाहत है। इसके लिए कुछ भी कर रही हैं।

सभी की नजर मुस्लिम वोटों पर


सभी प्रत्याशियों की नजर मुस्लिम वोटों पर जा रही है। विधानसभा चुनाव में मुस्लिमों ने समाजवादी पार्टी के लिए मतदान किया था। सपा प्रत्याशी मुस्लिम वोटों को अपने पक्ष में करने के लिए जी-जान से लगी हुई हैं। इस मामले में उन्हें टक्कर दे रही हैं निर्दलीय प्रत्याशी रजनी साहू। हैरानी की बात तो यह भी है कि बीजेपी प्रत्याशी राधा माहेश्वरी मुस्लिम मतदाताओं को अपनी ओर करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगी रही हैं। उनका दावा है कि चुनाव में मुस्लिमों को अच्छा वोट मिलेगा। कांग्रेस प्रत्याशी का भी यही दावा है। एक दिसम्बर को ही पता चलेगा कि मुस्लिमों ने किसे वोट दिया औऱ किसे नकार दिया।

IMAGE CREDIT: patrika
IMAGE CREDIT: patrika

जरूरी नहीं मुस्लिम वोट चुनाव जिताए

राजनीतिक पंडितों का कहना है कि जरूरी नहीं है कि मुस्लिम वोट चुनाव जिताए। विधानसभा चुनाव में भी मुस्लिमों ने एकमुश्त वोट भाजपा के खिलाफ दिया था। परिणाम क्या रहे, सबके सामने है। समाजवादी पार्टी का सूपड़ासाफ हो गया था। इसलिए चौंकाने वाले परिणामों के लिए शहर को तैयार रहना चाहिए।

IMAGE CREDIT: patrika
IMAGE CREDIT: patrika
IMAGE CREDIT: patrika