
कासगंज। उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में गत 26 जनवरी को तिरंगा यात्रा के दौरान हुई हिंसा को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से चौकन्ना बना हुआ है। घटना की पुनरावृत्ति न हो इसलिए जिला प्रशासन एहतियात बरत रहा है। 47 प्वाइंटोंं को चिन्हित कर 350 लोगों को शांति भंग के आरोप में पांच-पांच लाख रूपए से पाबंद किया है। तिरंगा यात्रा पर प्रतिबंद्ध लगा हुआ है। जिसको लेकर जिला प्रशासन और जश्न के दीवानों के बीच उहापोह की स्थिति बनी हुई है।
26 जनवरी को हुई थी हिंसा
दरअसल 26 जनवरी को कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान हिंसक झड़प हुई थी। जिसमें चंदन गुप्ता की मौत हुई थी। इसके बाद हिंसा की झड़प से उठी चिंगारी के बाद जनपद में जबरदस्त हिंसा और आगजनी हुई। करोड़ों रूपए का नुकसान हुआ था और बमुश्किल देश में अमन चैन भाई चारा कायम हुआ था। अब 15 अगस्त को कासगंज में एक बार फिर से तिरंगा यात्रा निकालने के लिए जिला प्रशासन से अनुमति मांगी गई लेकिन इस बार जिला प्रशासन ने तिरंगा यात्रा के लिए जिले में इजाजत नहीं दी है।
चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात
47 स्थानों को चिन्हित कर 350 लोगों को पाबंद कर दिया है। जिले में पुलिस का पहरा है। चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने सुरक्षा का विशेष खाका तैयार किया है, अगर कोई इसके बावजूद भी तिरंगा यात्रा निकालने का प्रयास करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
कानून से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा
जिलाधिकारी आरपी सिंह ने बताया कि सरकारी और गैर सरकारी भवनों में कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे। जिसमें लोग सहभागिता कर सकते हैं। कानून के साथ खिलवाड़ नहीं होने दी जायेगी, चाहे इसके लिए कुछ भी करना पड़े। सुरक्षा के दृष्टिगत और 26 जनवरी की घटना की पुनरावृति ने हो इसलिए भारी मात्रा में पुलिस, पीएसी और रैपिड एक्शन फोर्स को मंगाया गया है, जो कि शहर के चप्पे चप्पे पर तैनात रहेगी।
Published on:
14 Aug 2018 08:58 pm
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