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प्रदर्शन के दौरान का आरोप: प्रेक्टिकल एवं प्रोजेक्ट के नाम पर हो रही वसूली, सुविधाओं से भी महरूम विद्यार्थी

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कटनी द्वारा मंगलवार को शासकीय आइटीआइ एवं अशासकीय आइटीआइ संस्थानों में व्याप्त समस्याओं को लेकर प्रदर्शन किया। तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव को ज्ञापन सौंपाकर शीघ्र ही समस्या समाधान की मांग रखी। विद्यार्थियों ने कहा कि शासकीय आइटीआइ दो करोड़ की लागत से छात्र-छात्राओं के लिए बनाया गया छात्रावास का निर्माण सालभर पहले हो गया है, लेकिन छात्रवास के लिए स्टॉफ की नियुक्ति नहीं की गई।

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कटनी

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Balmeek Pandey

Nov 06, 2019

ABVP students protest in katni

ABVP students protest in katni

कटनी. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कटनी द्वारा मंगलवार को शासकीय आइटीआइ एवं अशासकीय आइटीआइ संस्थानों में व्याप्त समस्याओं को लेकर प्रदर्शन किया। तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव को ज्ञापन सौंपाकर शीघ्र ही समस्या समाधान की मांग रखी। विद्यार्थियों ने कहा कि शासकीय आइटीआइ दो करोड़ की लागत से छात्र-छात्राओं के लिए बनाया गया छात्रावास का निर्माण सालभर पहले हो गया है, लेकिन छात्रवास के लिए स्टॉफ की नियुक्ति नहीं की गई। जिससे छात्रों को रहने की सुविधा नहीं मिल पा रही। प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों की कमी एवं विभाग से अनुमति नहीं मिलने का बहाना बनाया जा रहा है। जिससे वह खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। शासकीय आइटीआइ में अधीक्षक एवं पूर्ण स्टॉफ जबलपुर का होने के कारण समय पर न आना जिसके कारण जो कक्षाएं सुबह नौ बजे से प्रारंभ होती हैं वह दोपहर दो बजे लगती हैं। पुरानी मशीनरी से छात्रों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। लाइब्रेरी, रीडिंग रूम, कैंटीन एवं पेयजल की व्यवस्था भी नहीं है। इस दौरान परिषद के जिला संयोजक अजय माली, नगर मंत्री अखिल मिश्रा, जिला छात्रा प्रमुख तृप्ति जैन, अनुनय शुक्ला, सिप्तेन रजा, शुभान अली, राघवेंद्र खरे, प्रादुम यादव, राज दुबे, मोहित खूबचंदानी आदि मौजूद रहे।

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नहीं है प्रसाधन की व्यवस्था
विद्यार्थियों ने कहा कि छात्र-छात्राओं की संख्या के आधार पर प्रसाधन की व्यवस्था नहीं है। गंदगी बनी रहती है। बिगड़े हुए सीसीटीवी कैमरों को सही कराया जाए एवं खेल सामग्री उपलब्ध कराई जाए। असामाजिक तत्वों का जमावड़ा हमेशा बना रहता है। पुलिस दस्ता की व्यवस्था की जाए। अधीक्षक एवं शिक्षकों द्वारा प्रेक्टिकल एवं प्रोजेक्ट के नाम पर छात्रों से अवैध रूप से वसूली एवं परीक्षा में नम्बर काटने एवं फेल करने का दबाव बनाते हैं जिससे छात्र भयभीत होकर पैसे जमा कर देते हैं।


खास-खास:
- जिला संयोजक अजय वीरभद्र माली ने कहा, अशासकीय आइटीआइ प्रशिक्षण केंद्रों में छात्र संख्या के अनुपात के अनुसार भवन एवं बिल्डिंग में 100 प्रशिक्षणार्थियों के लिए सवा एकड़ भूमि की आवश्यकता होती है, लेकिन नहीं हो रहा नियमों का पालन।
- निजी प्रशिक्षण केंद्रों में लाइब्रेरी, कैंटीन, शौचालय, खेल मैदान, सीसीटीवी एवं पार्किंग की नहीं है व्यवस्था।
- एक ही संस्थान पर कई कोर्स संचालित किए जा रहे हैं, अशासकीय आइटीआइ प्रशिक्षण केंद्रों में फीस का निर्धारण नहीं है, सभी मनमर्जी से फीस वसूल रहे हैं।
- नियमों का पालन नहीं करने वालों की मान्यता को रद्द करने, संस्थानों की जांच के लिए कमेटी गठित करने रखी मांग।