12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मुर्गियां भी जीवन में ला सकती हैं बड़ा बदलाव, हजारों की कमाई, बस करना है इन महिलाओं के जैसे उपाय, पढि़ए खबर

जिले की ढीमरखेड़ा ब्लॉक के आधा दर्जन से अधिक गांवों की आदिवासी महिलाएं आर्थिक स्वालंबन व स्रोजगार की राह पर अग्रसर हैं। एक साल पहले शुरू हुआ मुर्गी पालन का मॉडल प्रोजेक्ट उनके जीवन में खुशहाली ला रहा है। क्षेत्र में 360 मुर्गी पालन शेडों का निर्माण मार्च तक कराया जाना है। अभी तक 111 शेडों का निर्माण हो चुका है।

3 min read
Google source verification

कटनी

image

Balmeek Pandey

Jan 13, 2020

Adivasi women earning money for poultry farming

Adivasi women earning money for poultry farming

कटनी. जिले की ढीमरखेड़ा ब्लॉक के आधा दर्जन से अधिक गांवों की आदिवासी महिलाएं आर्थिक स्वालंबन व स्रोजगार की राह पर अग्रसर हैं। एक साल पहले शुरू हुआ मुर्गी पालन का मॉडल प्रोजेक्ट उनके जीवन में खुशहाली ला रहा है। क्षेत्र में 360 मुर्गी पालन शेडों का निर्माण मार्च तक कराया जाना है। अभी तक 111 शेडों का निर्माण हो चुका है। खास बात यह है कि इन शेडों में मुर्गी पालन शुरू हो गया है। 60 आदिवासियों के महिला स्व सहायता समूह काम कर रहे हैं। मेहनत-मजदूरी के साथ शेडों में सुबह-शाम मुर्गी पालन कर रहे हैं, जिससे वे आर्थिक सशक्त हो रहा हैं। बता दें कि जिला पंचायत द्वारा मनरेगा मद से एक लाख 41 हजार रुपये से मुर्गी पालन शेडों का निर्माण मनरेगा से कराया जा रहा है। जिला प्रबंधक एनआरएलएम शबाना बेगम ने बताया कि 360 शेडों का निर्माण होने पर कटनी एक एक यूनिट मानी जाएगी। पूर्व में जो काम हुए हैं उनका भुगतान रुका था, जिससे शेडों का समय पर काम नहीं हो पाया, लेकिन अब भुगतान होने से दु्रत गति से काम जारी है। खास बात यह है कि इसमें महिलाओं को जोड़ा जा रहा है ताकि वे समाज के लिए मिसाल बन सकें।

इसे कहते हैं कबाड़ से जुगाड़: कटनी के सुरम्य पार्क में हो गया गजब का सौंदर्यीकरण, अब चलने वाली है यह ट्रेन

यहां पर हो रहा मुर्गी पालन
ग्रामीण अजीविका मिशन द्वारा क्षेत्र के कई गांवों में मुर्गी पालन का काम शुरू करा दिया गया है। आमाझाल दो समूह में 22 लोग, देहरी में 5 समूह में 27 सदस्य, कोकोडबरा में 2 समूह में 23 लोग, भलवारा में 2 समूह में 24 लोग, कोठी में दो समूह 15 सदस्य, महुदा में एक समूह 11 सदस्य, दादर सिहुंडी एक समूह 10 सदस्य जुड़कर मुर्गी पालन कर रहे हैं।

एक करोड़ 86 लाख से शहर में बनेगी यह सड़क, बचेगा 3 किमी का फेरा मिलेगी जाम से मुक्ति, पन्ना तिराहा से सीधे जुड़ेगा शहर

हर माह बढ़ रही आमदनी
छह माह पहले जिन महिला समूहों ने मुर्गी पालन शुरू कर दिया है उनको बेहतर आय होने लगी है। एक सदस्य को प्रतिमाह में 3 हजार रुपये से लेकर 4 हजार रुपये तक आय हो रही है। खास बात यह है कि यह आय महिलाओं को सिर्फ एक-दो घंटे शेड में समय देने पर आय प्राप्त हो रही है। धीरे-धीरे मुर्गियों की संख्या बढ़ रही और आय में भी इजाफा हो रहा है।

अवैध मैरिज गार्डनों पर कार्रवाई की बात कह भूले अफसर, इस शहर में ताक पर नियम, उपयंत्रियों पर मेहरबान आयुक्त

खास-खास:
- ढीमरखेड़ा क्षेत्र के दादर सिहुंड़ी में 8 शेड, भमका में 10 शेड, भलवारा में 19 शेड, उचेहरा में 15 शेड सहित अन्य स्थानों में चल रहा शेड निर्माण।
- मनरेगा मद से कराया जा रहा शेडों का निर्माण, मैटेरियल और मजदूरी का हो रहा भुगतान, निर्माण के बाद मप्र ग्रामीण अजीविका मिशन को किया जा रहा सुपुर्द।
- अनूपपुर की तर्ज पर कटनी में भी आदिवासी महिलाओं की आय को बढ़ाने लागू किया गया है मॉडल, शेड निर्माण में हुई है देरी।
- ढीमरखेड़ा ब्लॉक में अभियान सफल होने पर इसक जिले के अन्य ब्लॉकों में किया जाएगा प्रयोग, महिलाओं को आर्थिक सशक्त बनाने होगी पहल।

इनका कहना है
पूर्व में मनरेगा की राशि न आने के कारण शेड निर्माण में थोड़ा देरी हुई है। अब तीब्र गति से निर्माण जारी है। मार्च के पहले तक उनका निर्माण पूर्ण करा दिया जाएगा। बाकी का काम एनआरएलएम द्वारा देखा जा रहा है।
डॉ. संतोष बाल्मीक, जिला मनरेगा अधिकारी।

आदिवासी महिलाओं का जीवन स्तर उठाने मुर्गी पालन शेड बनाए जा रहे हैं। 111 शेड बनकर तैयार हैं। शेष का काम चल रहा है। शेड शीघ्र पूर्ण कराकर समूहों को देने के लिए कहा गया है। महिलाओं को सशक्त करने के इस अभियान में प्रदेश में जिले की बेहतर स्थिति है।
जगदीश चंद्र गोमे, जिला पंचायत सीइओ।