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शिक्षा में बेहतर व्यवस्था के दावों के बीच एक हकीकत यह भी…VIDEO

शिक्षकों के ट्रांसफर के दौरान अफसरों ने नजरअंदाज कर दिया बच्चों की संख्या के अनुपात में शिक्षकों की उपलब्धता का पैमाना, कई स्कूलों में बच्चे तो हैं पर पढ़ाने के लिए शिक्षक ही नहीं.

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Amidst the claims of better system in education, a reality is also...

बहोरीबंद विकासखंड अंतर्गत माध्यमिक शाला ककरेहटा.

कटनी. कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के बीच प्रदेश में आमजनों की सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आधी क्षमता के साथ स्कूल की कक्षाएं लगाने की हिदायत दे रहे हैं, लगातार लोगों से सतर्कता बरतने की अपील कर रहे हैं। इस बीच जिले के कुछ स्कूलों में हालात ऐसे हैं कि एक कमरे में तीन कक्षाओं के बच्चे पढ़ाई करने विवश हैं।

वीडियो कटनी जिले के बहोरीबंद विकासखंड अंतर्गत माध्यमिक शाला ककरेहटा की है। इस स्कूल में कक्षा छठवीं,सातवीं और आठवीं के बच्चे एक ही कक्ष में बैठकर पढऩे के लिए इसलिए विवश हैं कि इस स्कूल में शिक्षकों की बेहद कमी है।

आठवीं कक्षा के छात्र अंशुल बर्मन, शिवकुमार रजक, देवकुमार लोधी, सातवीं कक्षा के छात्र आशीष बर्मन व छटवीं कक्षा के छात्र सौरभ लोधी बताते हैं कि स्कूल में शिक्षक नहीं हैं और पढ़ाई प्राथमिक विद्यालय के जिम्मे है। हां कभी अतिथि मैडम पढ़ा देती हैं।

दरअसल ककरेहटा जैसी स्थितियां जिले के दूसरे स्कूलों की भी है। ऐसी स्थितियां इसलिए निर्मित हुई कि कुछ माह पहले शिक्षकों के स्थानांतरण के दौरान अफसरों ने इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया कि स्कूल शिक्षक विहीन तो नहीं हो रहे हैं।

ककरेहटा मिडिल स्कूल बच्चों को पढ़ाने वाले प्राइमरी स्कूल के शिक्षक आरएस कश्यप बताते हैं कि मिडिल स्कूल में शिक्षक नहीं होने के कारण प्रभारी बना दिया गया है। चूकि ग्रामर सभी कक्षाओं की एक सी होती है, इसलिए एक कक्ष में बच्चों को बैठाकर पढ़ा रहे हैं।

शिक्षक विहीन स्कूलों की बात करें तो बहोरीबंद विकासखंड के माध्यमिक शाला संसारपुर, हाई स्कूल रामपाटन, माध्यमिक शाला बरही रामपाटन, नवीन माध्यमिक शाला ककरेहटा, नवीन माध्यमिक शाला चाँदनखेड़ा, कन्या माध्यमिक शाला बाकल, नवीन माध्यमिक शाला खमतरा, नवीन माध्यमिक शाला अमाड़ी, माध्यमिक शाला खम्हरिया, माध्यमिक शाला पहरुआ, नवीन माध्यमिक शाला जुजावल, नवीन माध्यमिक शाला पटना मढिया व नवीन माध्यमिक शाला हाथीभार शामिल हैं।

बतादें कि बहोरीबंद विकासखंड में माध्यमिक और प्राथमिक शाला मिलाकर 22 हजार 760 छात्र हैं। 30 बच्चों पर एक शिक्षक के औसत से इन बच्चों को पढ़ाने के लिए 758 शिक्षकों की जरूरत के बीच 281 ही पदस्थ हैं। हाई और हायर सेकेंडरी स्कूल में 9 हजार 179 छात्रों के लिए 305 शिक्षकों की जरूरत के बीच 209 शिक्षक ही हैं।

शिक्षकों की कमीं से बिगड़ रही सरकारी स्कूलों की सेहत को लेकर बहोरीबंद बीईओ अशोक झरिया कहते हैं कि जानकारी डीइओ को दी गई है। बहोरीबंद बीआरसी भी शिक्षकों की कमीं से उच्चाधिकारियों को अवगत कराने की बात कहते हैं। अब अभिभावकों को इंतजार है कि जिला शिक्षा अधिकारी पीपी सिंह समस्या पर आखिर क्या कदम उठाते हैं।