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नसबंदी की आड़ में महिलाओं पर अत्याचार, कड़ाके की ठंड में ऑपरेशन कर महिलाओं को फर्श पर लेटाया

नसबंदी में नहीं की कलेक्टर के निर्देश की परवाह, मरीजों को जमीन पर लेटाया, लोडिंग वाहन से पहुंचाया जा रहा घर।

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नसबंदी की आड़ में महिलाओं पर अत्याचार, कड़ाके की ठंड में ऑपरेशन कर महिलाओं को फर्श पर लेटाया

कटनी/ नसबंदी का टारगेट पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा महिला मरीजों के साथ जानवरों की तरह सुलूक किया जा रहा है। स्थानीय अफसरों की मनमानी का आलम यह है कि, कलेक्टर के निर्देश के बाद भी बीएमओ और शिविर प्रभारी व्यवस्थाओं को लेकर सजग नहीं है।

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ढीमरखेड़ा विकासखंड का मामला

तस्वीरें ढीमरखेड़ा विकासखंड की है, यहां मंगलवार की रात 100 से ज्यादा महिला मरीजों का ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के बाद कड़ाके की ठंड में मरीजों को फर्श पर ही लेटा दिया गया। घर भेजने के लिए एम्बुलेंस के बजाय लोडिंग वाहन में बैठाया गया।

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क्या कहते हैं जिम्मेदार

शिविर के दौरान बरती गई इस लापरवाही पर अब स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ डॉ प्रदीप मुड़िया ढीमरखेड़ा के जिम्मेदारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगने की बात कह रहे हैं। वहीं, ढीमरखेड़ा के बीएमओ डॉ. केवट का कहना है कि, नसबंदी ऑपरेशन के लिए सर्जन की बेहद कमी है। कुछ एक सर्जन ही ऑपरेशन के लिए समय निकालते हैं और अमूमन उनके पहुंचने और मरीजों की 5 तरह की जांच होने के बाद विलंब हो जा रहा है। डॉक्टर केवट बताते हैं कि आगे शिविर को लेकर पूरी कोशिश है कि, महिला मरीजों की इस तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।