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ये पेड़ ले सकता है जान, बच्चे रहे सावधान

अरंडी पेड़ के बीज में विषैला पदार्थ बच्चों के लिए बना मुसीबत, अज्ञानतावश कर लेते हैं सेवन

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Castor

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कटनी. हमारे आसपास झाडिय़ों के बीज पाए जाने वाला यह पेड़ विषैला है। इसके पत्ते, तना और बीज सभी में विषैला पदार्थ भरा हुआ है। बड़े और बच्चे कोई भी इसका सेवन अगर कर लेता है तो उसकी जान पर भी बन सकती है। हम बात कर रहे हैं अरंडी (कैस्टर) के पेड़ की।
जिला मुख्यालय के समीप एक बार फिर गत दिनों शासकीय प्राथमिक शाला आदिवासी मोहल्ला बिलहरी में पढ़ाने वाले छात्र ७ बच्चे इस पेड़ का शिकार हो गए। छात्रा चांदनी पिता महेन्द्र आदिवासी ९ वर्ष, नीलम पिता गोरेलाल ९, शम्भू पिता मुन्नीलाल ८, श्यामलाल पिता बबली ९, सुजीत पिता निंदू आदिवासी १०, छोटी पिता कालू ९, प्रीति पिता कारे आदिवासी १० वर्ष का इलाज के लिए अस्पताल लाया गया। बच्चों को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे शिक्षक विनयकांत उपाध्याय ने बताया कि दोपहर लंच के समय बच्चे अपने घरों को चले जाते हैं। जब बच्चे लौटे तो १ बच्चे ने अचानक उल्टी करना शुरू कर दी। उसके बाद एक के बाद एक ७ बच्चे उल्टी करने लगे और अद्र्धबेहोशी की स्थिति में आ गए।
ये है अरंडी का पेड़
अरंडी का पेड़ एक पुष्पीय पौधे की बारहमासी झाड़ी होती है। जो एक छोटे आकार से लगभग 12 मीटर के आकार तक तेजी से पहुंच सकती है, पर यह कमजोर होती है। इसकी चमकदार पत्तियां 15.45 सेमी तक लंबी, हथेली के आकार की, 5.12 सेमी गहरी पालि और दांतेदार हाशिए की तरह होती हैं। उनके रंग कभी-कभी गहरे हरे रंग से लेकर लाल रंग या गहरे बैंगनी या पीतल लाल रंग तक के हो सकते है।
इसलिए होता है जहर
अरंडी का बीज ही बहुप्रयोगनीय कैस्टर ऑयल (अरंडी के तेल) का स्रोत होता है। बीज में 40-60 प्रतिशत तक तेल उपस्थित होता है। जिसमें ट्राईग्लाइसराइड्स, खासकर रिसिनोलीन बहुल होता है। इस बीज में रिसिन नामक एक कुछ विषैला पदार्थ भी होता है, जो लगभग पेड़ के सभी भागों में उपस्थित रहता है।