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परिवहन की अब भी समस्या
धान का परिवहन न होने के कारण अब भी किसान व केंद्र प्रभारी परेशान हैं। धान रखने जगह न होने से किसानों को दिक्कत हो रही है। बता दें कि अबतक 11 हजार 500 कृषकों से 90 हजार टन धान की खरीदी हो चुकी है। अभी तक मात्र 70 हजार टन का ही उठाव हो पाया है। 36 हजार 22 किसानों ने धान बेचने पंजीयन कराया है। अभी तक किसानों के लिए 160 करोड़ रुपये जारी हुए हैं, लेकिन खातों में सिर्फ 42 करोड़ रुपये का ही भुगतान हुआ है। वहीं मौसम खराब होने से बचाव के भी पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं।
इनका कहना है
जिले में जिन-जिन गांवों के किसानों की समस्या आई थी उसका समाधान करा दिया गया है। किसानों के नाम जोड़ दिए गए हैं और साफ्टवेयर में भी दिख रहे हैं। अब आसानी से किसान उपज बेच सकते हैं। परिवहन की गति धीमी है। भुगतान भी प्रक्रिया में है।
पीके श्रीवास्तव, जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी।