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रेलमंत्री के दावों के विपरीत 16 सौ करोड़ रूपये के अनूपपुर-कटनी थर्ड लाइन प्रोजेक्ट में नहीं आई तेजी

कोरोना काल में भी नहीं हुआ काम, दस माह तक ज्यादातर काम में पड़े रह गए जस के तस, अफसरों ने कहा नहीं मिले मजदूर.

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Anuppur-Katni Third Line Project.

अनूपपुर-कटनी थर्ड लाइन प्रोजेक्ट.

कटनी. रेलवे का 16 सौ करोड़ रूपये का अनूपपुर-कटनी थर्ड लाइन विस्तार प्रोजेक्ट कोरोना काल में भी तेजी नहीं पकड़ सका। कटनी से शहडोल के बीच कई स्थानों पर काम की स्थिति कोरोना काल से पहले की स्थिति में रही। रेलवे के महत्वाकांछी प्रोजेक्ट की यह स्थिति तब है जब देश के रेल मंत्री कोरोना संकट काल को रेलवे के आधारभूत संरचना निर्माण में बेहतर बताते हैं। कोरोना काल के दस माह के दौरान कई प्रोजेक्ट में तेजी से काम होने की बात कहते हैं। इधर, अनूपपुर-कटनी थर्ड लाइन प्रोजेक्ट में धीमी गति को लेकर रेल के अधिकारी मजदूर नहीं मिलने और मशीनों का आवागमन प्रभावित होने के कारण प्रोजेक्ट के कार्यों में गति धीमी होने की बात कह रहे हैं।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के सीपीआरओ साकेत रंजन बताते हैं कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान बड़ी मशीनों को कार्यस्थल तक पहुंचाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मजूदरी की भी समस्या आई। मानव और मशीन की सहज उपलब्धता नहीं होने के कारण इस परियोजना का काम प्रभावित हुआ। हालांकि इस बीच अनूपपुर-पेंड्रारोड लाइन में पेंड्रारोड से निगौरा के बीच तेजी से काम हुआ है।

पांच साल से चल रहा काम, 2020 में पूरा होना था
1595.76 करोड़ रुपए की लागत की अनूपपुर-कटनी थर्ड लाइन प्रोजेक्ट पांच साल पहले मंजूरी दिए जाने साथ ही 12 वीं और 13वीं योजनावधि के दौरान सवा पांच वर्षों में पूरी होने की संभावना जताई गई थी। मध्यप्रदेश के अनूपपुर, शहडोल, उमरिया और कटनी जिले को कवर करने वाले इस प्रोजेक्ट में 138 पुल का निर्माण होना है। इसमें 31 बड़े पुल एवं 107 छोटे पुल शामिल हैं।

इसलिए समय पर निर्माण जरूरी
कोयला और अन्य मालभाड़ा परिवहन के लिहाज से यह लाइन भारतीय रेलवे की महत्वपूर्ण रेलवे लाइन में से एक है। यहां डबल लाइन होने के कारण रेलवे का फोकस मालगाड़ी परिचालन पर होता है। थर्ड लाइन प्रोजेक्ट का काम पूरा होने के बाद मालगाड़ी परिवहन के लिए एक अतिरिक्त लाइन मिलने से यात्री ट्रेन चलाने में रेलवे को आसानी होती और इसका सीधा कटनी से अनूपपुर के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों को होगा।