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भू अभिलेख शाखा का ऑपरेटर एसएलआर व तहसीलदार बन कर रहा बड़ा खेल, ऐसे हुआ खुलासा

भू-अभिलेख विभाग में पदस्थ कर्मचारी का कारनामा, एक रात पहले बंजर भूमि को सिंचित बताकर निकाल दी खसरा की नकल, दूसरे दिन कर दिया चेंज

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कटनी

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Balmeek Pandey

Aug 14, 2018

Corruption

Corruption

कटनी. कलेक्ट्रेट कार्यालय के भू-अभिलेख शाखा में पदस्थ एक कर्मचारी द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से व्यापक स्तर पर गड़बड़ी किए जाने का मामला सामने आया है। कर्मचारी ने फर्जी तरीके से कई बंजर भूमि को सिंचित बताकर उसकी नकल जारी कर फिर से रिकॉर्ड में सुधार कर दिया है। मामला सीएम हेल्पलाइन में हुई शिकायत के बाद उजागर हुआ, जिसके बाद अफसरों में हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई है। जानकारी के अनुसार भू-अभिलेख शाखा में पदस्थ ऑपरेट नवीन चौबे द्वारा 1 जनवरी 2010 को 12 बजकर 38 मिनट में खसरे की नकल निकाली गई। शिवकुमार निग पिता स्व लखनलाल निगम पटवारी हलका नं. 51 ग्राम छहरी क्रमांक 154 0.070 सहित इसी किसान की खसरा नं. 155, 164, 165, 260/2 सहित अन्य जमीन की नकल जारी की गई। नकल का वेरीफिकेशन नकल जारी होने के दो साल बाद 13 नवंबर 2013 को किया गया। इन सभी जमीनों को सिंचित बताया गया। बंजर भूमि में द्विफसली धान छिड़का, उन्नत मटर, भिड्डी, टमाटर की खेती होना दर्शाया गया। इतना ही नहीं इसमें सिंचाई नलकूप होना दर्शाते हुए जमीन सिंचित बताई गई। बताया जा रहा है कि यह पूरा खेल इसलिए किया गया ताकि इस जमीन पर बैंक से किसानों को लाखों रुपए का लोन मिल सके। यह सिर्फ एक किसान नहीं बल्कि कई किसानों के साथ किया गया है। इसके बदल फर्जीवाड़ा कराने वालों से मोटी रकम भी वसूली गई है। बताया जा रहा है कि नकल जारी सिर्फ तहसीलदार द्वारा ही किया जाता है, लेकिन नियमों को ताक में रखकर ऑपरेटर द्वारा यह खेल किया गया।

ऐसे सामने आई गड़बड़ी
नवीन चौबे की करतूत का पता लगाने के लिए जब राकेश विश्वकर्मा ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी तो मामला उजागर हुआ। 24 फरवरी 2015 को तहसील कार्यालय जारी की गई नकल में इन सभी खसरों की जमीन बंजर बताई गई है। काबिले गौर है कि जिस दिनांक में पूर्व की नकल जारी की गई है उसी दिनांक की नकल सूचना के अधिकारी में बंजर है। याने कि एक दिन पहले संशोधन और फिर नकल निकालने के बाद उसे ज्यों का त्यों कर दिया गया।

इलाहाबाद बैंक से जारी हुआ है लोन
फर्जी तरीके से नकल निकलवाकर बंजर भूमि को उन्नत बताकर इलाहाबाद बैंक से लाखों रुपए का लोन पास हुआ है। आवेदन शिवकुमार निगम सहित अन्य कृषकों की मिलीभगत से यह भ्रष्टाचार किया गया है। इतना ही नहीं नवीन चौबे ने खसरा क्रमांक 602/4, 711/2 पटवारी हलका नंबर 38 झिंझरी रीता पुत्री राघवनाथ तिवारी पीडब्ल्यूडी कॉलोनी माधवनगर के नाम से दर्ज है। इस जमीन में भी फर्जीवाड़ा किया गया है। नवीन चौबे द्वारा एसएलआर की आइडी, हलका पटवारी की आइडी, तहसीलदार की आइडी से नकलें अपने हस्ताक्षर से जारी की है। इनके द्वारा 2017 तक नकल जारी की गई है, जबकि सितंबर 2012 से लोकसेवा केंद्र के माध्यम से नकल जारी होने का नियम लागू है।

इनका कहना है
जमीनों के नकल जारी करने में फर्जीवाड़े की शिकायत प्राप्त हुई है। इस मामले में व्यापक स्तर पर गड़बड़ी सामने आई है। नवीन चौबे को नोटिस जारी किया गया है। पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। दोषियों पर सख्त कार्रवाई करेंगे।
केवीएस चौधरी, कलेक्टर।